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BADRINATH DHAM YATRA

By Team Edu1 | Article | May 15, 2019

            उत्तराखंड की बदरीनाथ धाम यात्रा


बदरीनाथ धाम के बारे में:-


यह एक प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण 7वी -9वी सदी में होने के प्रमाण मिलते है। इस मंदिर के नाम के
कारण ही आस पास बसे नगर को भी बद्रीनाथ ही कहा जाता है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 3133 मीटर है।
यह मंदिर बद्रीनाथ ,जो की चारो धामों में से एक धाम है और यह उत्तराखंड के चमोली जनपद में अलकनन्दा
नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर विष्णु जी से सम्बंधित है। वर्ष के 6 महीने (अप्रैल के
अंत से लेकर नवम्बर की शुरुआत तक ) ही खुला रहता है।इसके बारे में यह माना जाता है की आदि
शंकराचार्य ने 8वी शताब्दी में समीपस्थ नारद कुंड से निकल कर स्थापित किया था। यह मंदिर उत्तर भारत
में स्थित है , रावल  कहे जाने वाले यहाँ के मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य के नम्बूदरी
सम्प्रदाय के ब्राह्मण होते है। विष्णु पुराण ,महाभारत और स्कन्द पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख
मिलता है। इस मंदिर को बद्री विशाल के नाम से भी पुकारते है।
बद्रीनाथ में आयोजित सबसे प्रमुख पर्व माता मूर्ति का मेला है जो माँ पृथ्वी पर गंगा नदी के आगमन की
ख़ुशी में मनाया जाता है। जिस स्थान पर यह नदी तब (पृथ्वी के प्राणियों के कल्याण के लिए बद्रीनाथ की
माता जी ने नदी को बारह धाराओं में विभाजित कर दिया था )बही थी वही आज बद्रीनाथ की
पवित्रभूमिबनगयी है।


 

यात्रा क्यों प्रसिद्ध है :-


बदरीनाथ नगर, जहाँ ये मंदिर स्थित है ,हिन्दूओं के पवित्र चारो धामों के
अतिरिक्त छोटे चारो धामों में भी गिना जाता है। यह भारत के कुछ व्यस्त तीर्थस्थानों में से एक है।
श्रद्धालुओं का यह मानना है की यहाँ आकर उनके सारे पाप धूल जाते है। january से april तक snowfall
और cold का मौसम रहता है,may और june में सुहावना मौसम रहता है ,july से october तक बारिश और
ठंडी बढ़ जाती है ,november और december
में snowfall और cold रहता है।

यात्रा कहाँ से शरू करे :-




अगर आप बदरीनाथ धाम यात्रा की शुरुआत कर रहे है और यात्रा की शुरुआत दिल्ली से कर रहे हो तो फिर आपको
दिल्ली से बस या ट्रैन पकड़कर देहरादून आना पड़ेगा। फिर देहरादून से हरिद्धार जायेंगे ,वहाँ पर दर्शन
रके सीधे हरिद्धार से बदरीनाथ (324 किलोमीटर )का यात्रा शुरू करेंगे। पूरे दिन की थकान होने के कारण
जोशीमठ रूककर आराम कर लेंगे। फिर आराम करने के बाद वहाँ से सीधे बदरीनाथ पहुंच जायेंगे। किराये
की कार भी मिलती है अगर आप कार से आना चाहें तो आ सकते है।



 

 

बद्रीनाथ यात्रा कितने दिन की होगी:-


यह यात्रा 4 से 5 दिन के लिए plan करे इससे आप 1 दिन
हरिद्धार ,२ दिन बदरीनाथ और २ दिन दिल्ली से आने जाने में लग जायेगा। यहाँ का तप्त कुंड ,नारद कुंड,
ब्रह्मा कपाल ,शेसनेत्रा ,चरणपादुका ,नीलकंठ ,माता मूर्ति मंदिर ,वसुधरा बहुत ही अच्छी जगह मानी जाती
है। यहाँ का पंच धारा और पंच शिला भी लोगो द्वारा बहुत ही पसंद किया जाता है। यहाँ पर आप इन सब
जगहों पर घूमने जा सकते हो।

नीलकंठ पर्वत:-


नीलकंठ पर्वत उत्तराखंड के चमौली जिले में स्थित है ,जिसकी समुद्र तल से
ऊंचाई 6597 मीटर है। बदरीनाथ से नीलकंठ पर्वत आसानी से देखा जा सकता है,सुबह के समय सूर्य की किरण सबसे पहले इसी पर पड़ती है। नीलकंठ के सौन्दर्य से वह आये श्रद्धालु बहुत प्रभावित होते है।


तप्त कुंड:-


तप्त कुंड का पानी बहुत ही पवित्र होता है ,इस पानी से स्नान करके सारे पाप धूल
जाते है। इसका तापमान लगभग 45 डिग्री सेल्सियस होता है।


बदरीनाथ की यात्रा के bag list:


1) sleeping bag
२) water bottle (at least two litres)

3) torch
4) first aid kit
5) umbrella
6) woolen cap
7) tennis shoes
8) shocks
9) stick
10) rain coat

तापमान :-


मई में अधिकतम 11 डिग्री और न्यूनतम 1 डिग्री सेल्सियस होता है।
जून में अधिकतम 13 डिग्री और न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस होता है।
जुलाई में अधिकतम 13 डिग्री और न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस होता है।
अगस्त में अधिकतम 13 डिग्री और न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस होता है।
सितम्बर में अधिकतम 11 और न्यूनतम 4 डिग्री सेल्सियस होता है।
अक्टूबर में अधिकतम 4 डिग्री और न्यूनतम -6 डिग्री सेल्सियस होता है।
नवम्बर में अधिकतम 2 डिग्री और न्यूनतम -9 डिग्री सेल्सियस होता है।
दिसम्बर में अधिकतम -3 डिग्री और न्यूनतम -14 डिग्री सेल्सियस है।
जेनुअरी में अधिकतम -6 डिग्री और न्यूनतम -16 डिग्री सेल्सियस होता है।
फेबुअरी में अधिकतम -4 डिग्री और न्यूनतम -13 डिग्री सेल्सियस होता है।
मार्च में अधिकतम 1 डिग्री और न्यूनतम -10 डिग्री सेल्सियस होता है।
अप्रैल में अधिकतम 7 डिग्री और न्यूनतम -3 डिग्री सेल्सियस होता है।

FAQ’S:-


1) बदरीनाथ जाने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?
बदरीनाथ जाने के लिए सबसे अच्छा समय may से october तक का होता है क्योकि सर्दियों बर्फ़बारी होने
लगती है।

2) बदरीनाथ के रोड की क्या परिस्थिति है ?
यह बहुत ही अच्छी बात है की कहीं जाने से पहले वहाँ के रोड परिस्थिति को पहले ही समझ
ले खासकर तब जब बात hilly stations की हो रही हो ,वैसे बदरीनाथ जाने के लिए रोड सही है
लेकिन कभी भूस्खलन होने की वजह दिक्कत हो सकती है।

3) क्या बदरीनाथ में टैक्सी की सेवा उपलब्ध है ?
पहली बात तो बदरीनाथ एक तीर्थस्थान है और यह पर कार आपको किराये पर मिलती है जो
भी यात्रा के लिए आये है। बद्रीनाथ के अगल-बगल की जगह पर भी घूम सकते है।
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