banner ad

Yoga : त्रिकोणासन के लाभ , विधि और सावधानी

By Pooja | Yoga | Jun 04, 2020
आज हम आपको योग(Yoga) के त्रिकोणासन के बारे में बताएंगे। त्रिकोणासन बहुत ही लाभदायक आसन होता है। इसको करने से हमारा शरीर लचीला बनता है। त्रिकोणासन(Trikonasana) करने से सब अंगो में खुलापन आता है।

त्रिकोणासन के लाभ | Benefits of the Trikonasana



  • त्रिकोणासन (Trikonasana) करने से पैरों, घुटनों, एड़ियों, हाथों और वक्ष मजबूत(strong) बनता है।

  • त्रिकोणासन करने इस नितम्बों, कूल्हों, जंघा की मांसपेशियों, कन्धों, वक्ष तथा रीढ़ की हड्डी में और ज्यादा खुलाव व खिंचाव (strech)उत्पन्न होता है जिससे शरीर लचीला बनता है।

  • त्रिकोणासन करने इस शारीरिक(physical) व मानसिक (mental) तारतम्यता बढ़ती है।

  • त्रिकोणासन करने से तनाव(stress) कम होता है।


त्रिकोणासन करने की विधि | Method of doing Trikonasana



  • सबसे पहले चटाई (carpet) बिछाकर उसमे सीधे खड़े हो जाएं और कम से कम पैरों के बीच तकरीबन 6 1\2 से 4 फिट सुविधाजनक(Convenient )दूरी बना ले ।

  • फिर इसको करने के बाद दाहिने पंजे (Right paws ) को 10 डिग्री तथा बाएँ पंजे को तक़रीबन 15 डिग्री तक घुमाएँ (rotate)।

  • फिर दाहिनी एड़ी के केंद्र (center)को अपने बाएँ पैर से बन रहे घुमाव के केंद्र कि सीध में ले आएँ। याद रहे की आपके दोनों पंजे जमीन को दबा रहे हों और शरीर (body)का भार दोनों पैरों पर समान रूप से हो।

  • फिर गहरी सांस (breath)अंदर ले , और सांस छोड़ते हुए अपनी बॉडी (body) को दाहिने तरफ मोड़ें और कूल्हों से नीचे की तरफ जाएँ।

  • अपनी कमर (spine)को सीधा रखें और अपने बाएँ हाथ को ऊपर हवा में उठाएँ और दाहिने हाथ को नीचे जमीन(land) की तरफ ले जाएँ। इस प्रकार अपने दोनों हाथों (hands) को एक सीध में रखें।

  • फिर अपने दाहिने हाथ को एड़ी या जमीन (land)पर बाहर की ओर रखें। फिर अपने बाएँ हाथ को अपने छत(roof) की तरफ खींचे और कंधो(shoulders) की सीध में लाएं।

  • इसको करने के बाद सिर को बीच में रखे या बाहिनी तरफ मोड़े। अपनी आँखों की दृष्टि को अपनी हथेली की तरफ केंद्रित करें।

  • अब सांस (breath) लेते हुए वापिस अपने हाथों(hand) को नीचे की तरफ लाएँ और पैरों(legs) को सीधा करें।



त्रिकोणासन करते वक़्त सावधानी | Caution While Doing Trikonasana



  • अगर आपको माइग्रेन, डायरिया(Diarrhea) जैसी बीमारी हो तो इस आसन (asana)को न करें।

  • अगर आपको निम्न या उच्चरक्तचाप, गर्दन या पीठ पर चोट(wound) लगी हो तो त्रिकोणासन (trikonasana) न करें।

banner ad

Share this Post

(इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले)

Posts in Other Categories

Get Latest Update(like G.K, Latest Job, Exam Alert, Study Material, Previous year papers etc) on your Email and Whatsapp
×
Subscribe now

for Latest Updates

Articles, Jobs, MCQ and many more!