बायोग्राफी ऑफ़ माइकल फेल्प्स अमेरिकन ओलिम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट
By Tapan Tiwari | Article | Jun 15, 2025
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जन्म का नाम |
माइकल फ्रेड फेल्प्स |
जन्म की तारिक |
३० जून 1985 |
जनम की जगह |
तौसन्न, मैरी लैंड |
मृत्यु की तारिक |
आज भी जीवित हैं |
मृत्यु की जगह |
आज भी जीवित हैं |
रेस्टिंग प्लेस |
आज भी जीवित हैं |
नेशनलिटी |
अमेरिकी |
सिटीजनशिप |
अमेरिकी |
अन्य नाम |
द बाल्टिमोर, गोट, मिस्टर स्विमिंग |
हाइट |
|
शिक्षा
माइकल फ्रेड फेल्प्स II का जन्म 30 जून 1985 को बाल्टीमोर, मैरीलैंड, यू.एस.ए. में हुआ। उन्होंने रॉजर्स फोर्ज एलिमेंट्री, डम्बार्टन मिडिल स्कूल और टॉसन हाई स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही उन्हें अधीरता एवं ऊर्जा की समस्या थी, जिसके लिए उनकी माँ ने 7 वर्ष की उम्र में उन्हें स्विमिंग ट्रायल पर भेजा — यही उनका पहला परिचय तैराकी से हुआ ।
आल्मा मेटर
2003 में उन्होंने टॉसन हाई स्कूल से स्नातक किया । इसके बाद चाहे उन्होंने कॉलेज में पूर्णकालिक अध्ययन नहीं किया, परन्तु 2004 के बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन में कोच बॉब बोमन के साथ प्रशिक्षण के लिए कुछ क्लासेस लिया और स्वयं भी वालंटियर असिस्टेंट कोच के रूप में कार्य किया ।
व्यवसाय
माइकल एक पेशेवर तैराक और कोच हैं। उन्होंने 5 ओलंपियाड में हिस्सा लिया (2000–2016) और अब अरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी में बॉब बोमन के साथ स्विमिंग प्रोग्राम का हिस्सा हैं। इसके अलावा, वो माइकल फेल्प्स फाउंडेशन के माध्यम से समाज सेवा में सक्रिय हैं।
प्रसिद्धि
माइकल दुनिया के सबसे अधिक पदक विजेता ओलंपियन तैराक हैं, जिनके नाम कुल 28 ओलंपिक पदक हैं—23 स्वर्ण, 3 रजत, 2 कांस्य । बीजिंग (2008) में उन्होंने आठ स्वर्ण पदक जीते, जो किसी भी ओलंपिक में सबसे अधिक है ।
उल्लेखनीय उपलब्धियां
- 2004 एथेंस: 6 स्वर्ण, 2 कांस्य; कुछ ओलंपिक/विश्व रिकॉर्ड भी बनाये ।
- 2008 बीजिंग: 8 स्वर्ण पदक
- 2012 लंदन: 4 स्वर्ण + 2 रजत, कुल पदक संख्याएँ बढ़ीं ।
- 2016 रियो: 5 स्वर्ण + 1 रजत; उन्होंने 200 मीटर IM में लगातार चौथी बार स्वर्ण जीता ।
जीवनसाथी
उनकी पत्नी का नाम निकोल जॉनसन है। वे 2007 में मिले, सम्बन्ध फिर टूटे और 2015 में सगाई हुई। जून 2016 में तीन समारोहों में शादी की । इस दंपति के चार बेटे हैं: बूमर, बेकेट, मैवरिक और निको ।
माता-पिता
- माता: डेबोरा “डेबी” फेल्प्स, मिडल स्कूल की प्रिंसिपल ।
- पिता: माइकल फ्रेड फेल्प्स, स्टेट ट्रूपर एवं पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी
1994 में माता-पिता का तलाक हो गया और 2000 में पिता ने पुनः विवाह किया।
रिश्तेदार
उनमें दो बड़ी बहनें हैं—व्हिटनी (1978) तथा हिलेरी (1980)। दोनों भी तैराकी में थीं; व्हिटनी 1996 में ओलिंपिक ट्रायल में भाग ले चुकीं लेकिन चोट के कारण आगे नहीं बढ़ पाईं ।
वेबसाइट
उनकी चैरिटी साइट, माइकल फेल्प्स फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट है, जहां “im” प्रोग्राम, स्विम स्कूल एवं स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध है ।
विश्व में योगदान
- 2008 में $1 मिलियन स्पीडो बोनस को उन्होंने फाउंडेशन के तहत बच्चों की तैराकी एवं स्वास्थ्य शिक्षा में लगाया ।
- “im” प्रोग्राम चलाना शुरू किया, जो ब्वॉयज़ & गर्ल्स क्लब्स और स्पेशल ओलिंपिक्स इंटरनेशनल में लागू है ।
- 2010 में मानसिक स्वास्थ्य में योगदान हेतु Medibio बोर्ड में शामिल ।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
28 ओलंपिक पदक (23 स्वर्ण) ।
- वर्ल्ड स्विमर ऑफ द ईयर (2003–04, 2006–09, 2012, 2016) आदि ।
- गोल्डन गोगल्स सहित अनेक पुरस्कार ।
- जेम्स E. सुलिवान अवॉर्ड 2003, स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड स्पोर्ट्समैन ऑफ द ईयर 2008, AP एथलीट ऑफ द ईयर —2008, 2012 ।
- 2019 में मेर्टन E. रुदरमैन अवॉर्ड — मानसिक स्वास्थ्य एवं समावेशन हेतु।
फिल्मोग्राफी
2011: Xbox Kinect गेम "Michael Phelps: Push the Limit"
- वे डॉक्यूमेंट्री और टीवी शो में स्वयं अस्ट्रेल क्लब व आम जनता से संबंधित कई कार्यक्रमों में दिखे हैं।
बाहरी लिंक व ऑनलाइन उपस्थिति
- माइकल फेल्प्स फाउंडेशन – आधिकारिक वेबसाइट ।
- ओलिंपिक समिति, ब्रिटेनिका, IMDb और बायोग्राफी जैसी सूचनात्मक साइटों पर विस्तृत प्रोफाइल ।
- सोशल मीडिया: इंस्टाग्राम, ट्विटर (PEOPLE व CNN सहित) पर सक्रिय; मानसिक स्वास्थ्य एवं परिवार के साथ पहल।
आत्मनिरीक्षण
माइकल फेल्प्स का जीवन प्रेरणादायक है। उन्होंने बतौर तैराक अनुकरणीय रिकॉर्ड बनाए, लेकिन उनके संघर्ष, मानसिक बीमारी और आत्महत्या की ओर झुकाव जैसे कठोर दौर ने उन्हें और भी मानव बनाया। उन्होंने यह साबित किया कि महान सफलता केवल मैचों में दर्ज नहीं, बल्कि जीवन की चुनौतियों से लड़कर खड़े रहने में है।
उनका फाउंडेशन और मनोचिकित्सा से जुड़ी पहल सामुदायिक तैराकी और मानसिक स्वास्थ्य को एक नई दिशा दे रही हैं। एक सामान्य बचपन से निकलकर उन्होंने वैश्विक पहचान हासिल की, लेकिन सबसे बड़ी जीत—अपने जीवन से लड़कर खुद को फिर से पाना—हरेक मानव के दिल को छूती है।