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Question & Answer For History uttarakhand PCS Mains Exams 2017

By Vikash Suyal | General knowledge | May 24, 2017
Model Question & Answer For Coming Ukpcs / Ukpsc Mains Exams  2017 .Important History Question & Answer for Ukpcs/Ukpsc Mains Exam 2017  important general knowledge and helpful for uttarakhand PCS main exam and many time ask in interview. share by: Vyas IAS coaching institute Dehradun

 

ऋग्वेद  (Rigveda)

ऋग्वेद वैदिक (Rig Ved) कालीन सबसे (Ancient texts)प्राचीन ग्रन्थ है। इसमें ईश्वर के स्तुति(Praise of God) हेतु मन्त्रों  का संकलन है।  इस ग्रन्थ में आर्यों के प्रारम्भिक जीवन(Early life of Aryans) के बारे में सूचना प्राप्त होती है।

 

वैदिक ग्रन्थ / ब्राह्मण ग्रन्थ (Vedic texts / Brahman text)

वेद ,पुराण ,ब्राह्मण ग्रथं ,आरण्यक एवं उपनिषद ()को वैदिक साहित्य कहा जाता है। इसमें वैदिक कालीन आर्यों के सामाजिक आर्थिक ,राजनीति एवं धार्मिक जीवन का विवरण उपलब्ध है।

 

उपनिषद  (Upanishad)

उपनिषद (Upanishad) दो शब्द से मिलकर बना है। उप = (समीप) , निषद = (बैठना ) ,अर्थात  जिनका अध्ययन गुरु के समीप बैठकर किया जाए उसे उपनिषद (Upanishad) कहा जाता है। उपनिषद कहा जाता है। उपनिषद कर्मकाण्ड रहित (Unprincipled) एवं दर्शन पर आधारित ग्रन्थ है।

 

आश्रम व्यवस्था (Asylum System)

मनुष्य जीवन को चार भागों में बंटकर ,प्रत्येक भाग को भिन्न कर्तव्य से परिपूर्ण करना ही आश्रम व्यवस्था कहलाता है।

जैसे - वाल्यवस्था ,गृहस्थ ,संन्यासी एवं वानप्रास्थ।

 

सोडस संस्कार (Sodas Sanskar)

मानव जीवन को 16 भागों में बाटना ही सोडस संस्कार कहते है। इसके तहत जीवन के जन्म से मरण तक की समस्त घटनाऐं निहित होती है।

 

अर्थशास्त्र (Economics)

तकशिला के आचार्य कौटिल्य द्धारा अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ की रचना की। इसमें मौर्यकालीन राजनीतिक ,आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख है।

 

रोमन व्यापार (Roman trade)

कुषाण काल में भारत का विदेशी व्यापार (Foreign trade of india) रोमन  साम्राज्य (Roman Empire) से होने लगे। यह व्यापार मुख्यतः रेशम मार्ग एवं दक्षिण भारत से होता था। इस व्यापार में भारत लाभ की स्थिति में था।

 

संगम साहित्य (Sangam literature)

दक्षिण भारत में प्रथम सदी के आस - पास तमिल भाषा (Tamil Language) में जिन ग्रंथों की रचना की गई। उसे संगम साहित्य (Sangam Literature) कहा जाता है।

नेहरू रिपोर्ट  (Nehru Report)

भारत सचिव (Secretary of india) द्धारा भारतियों को दी गई संविधान निर्माण की चुनौती को स्वीकार कर 1928 में विभिन्न विचार धाराओं के नेताओं ने एक सर्वदलीय रिपोर्ट (All-party report)प्रस्तुत किया। जिसका अध्यक्ष मोतीलाल नेहरू था।

गाँधी इरविन समझौता (Gandhi Irwin Agreement)

5 मार्च ,1931 को गाँधी जी और वायसराय लार्ड इरविन (Viceroy Lord Irwin) के मध्य समझौता हुआ , जिसे गाँधी -इरविन समझौता (Gandhi-Irwin Settlement) कहते है। इसके तहत सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) को ख़त्म करना था तथा गाँधी जी को गोलमेज सम्मलेन (Round Table Conference) में भाग लेना था।

 

खिलाफत आन्दोलन (Khilafat Movement)

प्रथम विश्व युद्ध के बाद संधि के तहत मुस्लिम जगत गुरु तुर्की के खलीफा के अधिकारों को सीमित कर दिया अतः इससे भारतीय मुस्लिम (Indian Muslims) धार्मिक आघात के तहत ब्रिटिश शासन (Under British rule) के विरुद्ध खिलाफत आन्दोलन (Khilafat Movement)शुरू किया था।

 

होमरूल आन्दोलन (Homerule Movement)

तिलक एवं एनी बेसेन्ट (Tilak & Annie Besant) ने आयरलैण्ड(ireland) के तर्ज पर स्व –शासन (Self-Governance) हेतु भारत में 1916 में होमरूल आन्दोलन (Homerule Movement)शुरू किया।

 

स्वदेशी आन्दोलन (Swadeshi Movement)

स्वदेशी आन्दोलन(Swadeshi Movement) बंगाल विभाजन के विरोध में 1905 ई  प्रारम्भ किया गया था।  इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य (The Main Purpose)-स्वदेशी और बहिष्कार था।  आन्दोलन का मुख्य नेता (Main Leader) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी (Surender Nath Benarji) था।

 

सूरत विभाजन (Split Split)

दिसम्बर ,1907 में कांग्रेस के सूरत विभाजन(Surat Split) का प्रमुख कारण(Main Cause) दो विपरीत विचारधाराओं का उदय था। इस अधिवेशन (Session) में गरमदल और नरमदल (Extremist or ) दोनों ही अपना - अपना अध्यक्ष चुनना चाह  रहे थे।

 

जलियावाला बाग़ हत्याकाण्ड (Jalianwala Bagh Massacre)

13 अप्रैल ,1919 को बैसाखी के दिन अमृतसर(Amritsar) के जलियावाला बाग़(Jalianwala Bagh ) में आयोजित सार्वजानिक सभा में जनरल डायर ने गोली चलवा दी ,जिससे हजारों लोगों की जाने गई।

 

रौलेक्ट एक्ट (Rowlatt Act )

1919 में ब्रिटिश सरकार (British Government) में भारत में बढ़ते क्रांतिकारी गतिविधियों (Revolutionary Activities)को रोकने के लिए रौलेक्ट एक्ट (Rowlatt) पारित किया।  इसमें किसी भी व्यक्ति को बिना कारण बताए गिरफ्तार किया जा सकता था।
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