RTI Act in Hindi : सुचना का अधिकार अधिनियम 2000 हिंदी में
By Vikash Suyal | Important Information | Jan 17, 2018
RTI Act in Hindi : RTI Act 2005 in Hindi: Right to Information Act in Hindi: Right to Information Act 2005 in Hindi
सूचना का अधिकार अधिनियम RTI Act 2005 आम लोगों को मजबूत और जागरूक बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। यह कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में लागू है। इस कानून के जरिए आप सरकारी महकमे से संबंधित अपने काम की जानकारी पा सकते हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम प्रत्येक नागरिक को सरकार से प्रश्न पूछने का अधिकार देता है। इसके जरिये टिप्पणियां, सारांश अथवा दस्तावेजों या अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों या सामग्री के प्रमाणित नमूनों की मांग कर सकते है।
मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ 2005 में एक अधिनियम लागू किया गया जिसे सुचना का अधिकार यानी RTI कहा गया. इसके अंतर्गत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी ले सकता है बस शर्त यह है की RTI के तहत पूछी जाने वाली जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए. यानि हम किसी सरकारी विभाग से उसके विचार नही पूछ सकते. जैसे आप के ईलाके में विकास के कामो के लिए कितने पैसे खर्च हुए है और कहाँ खर्च हुए है, आपके इलाके की राशन की दुकान में कब और कितना राशन आया, स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल में कितने पैसे खर्च हुए है जैसे सवाल आप Right to Information Act के तहत पता कर सकते है.
ये तो है सुचना के अधिकार का मतलब लेकिन अभी भी लोगो के पास सुचना के अधिकार को लेकर कई सवाल है. और उन सवालों को हम बहुत ही सरल तरीके से जवाब देने की कोशिश करेंगे.
सुचना के अधिकार के लाभ Right to Information Benifits
RTI की निम्न धाराएँ महत्वपूर्ण है The following sections of RTI are important in Hindi
इसकेअंतर्गत आवेदन जमा करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है यहां पर इस आवेदन से संबंधित बातें बताई जा रही हैं
इसके अंतर्गत आवेदन देने व सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदक निम्न प्रक्रिया अपना सकता है
सुचना का अधिकार क्या है what is Right to Information Act (RTI) in Hindi
सूचना का अधिकार अधिनियम RTI Act 2005 आम लोगों को मजबूत और जागरूक बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। यह कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में लागू है। इस कानून के जरिए आप सरकारी महकमे से संबंधित अपने काम की जानकारी पा सकते हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम प्रत्येक नागरिक को सरकार से प्रश्न पूछने का अधिकार देता है। इसके जरिये टिप्पणियां, सारांश अथवा दस्तावेजों या अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों या सामग्री के प्रमाणित नमूनों की मांग कर सकते है।
सुचना अधिकार अधिनियम 2005 क्या है और कैसे आप इस अधिकार का इस्तेमाल कर सकते है what is RTI Act 2005 and how can you use this right in Hindi
मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ 2005 में एक अधिनियम लागू किया गया जिसे सुचना का अधिकार यानी RTI कहा गया. इसके अंतर्गत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी ले सकता है बस शर्त यह है की RTI के तहत पूछी जाने वाली जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए. यानि हम किसी सरकारी विभाग से उसके विचार नही पूछ सकते. जैसे आप के ईलाके में विकास के कामो के लिए कितने पैसे खर्च हुए है और कहाँ खर्च हुए है, आपके इलाके की राशन की दुकान में कब और कितना राशन आया, स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल में कितने पैसे खर्च हुए है जैसे सवाल आप Right to Information Act के तहत पता कर सकते है.
ये तो है सुचना के अधिकार का मतलब लेकिन अभी भी लोगो के पास सुचना के अधिकार को लेकर कई सवाल है. और उन सवालों को हम बहुत ही सरल तरीके से जवाब देने की कोशिश करेंगे.
सुचना के अधिकार के लाभ Right to Information Benifits
- कोई भी नागरिक, किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकता है
- ये अधिकार एक आम नागरिक के पास है जो सरकार के काम या प्रशासन में और भी पारदर्शिता लाने का काम करता है.
- इस योजना के अधीन व्यक्ति वह सभी जानकारियां प्रप्त्त कर सकता है जो उसकी निजी जिन्दगी से जुडी है जैसे पासपोर्ट, Provident Fund, सम्भंदित जानकारी Pension सम्भंदित जानकारी इत्यादि
- भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम है. इस कानून का प्रयोग करके भ्रष्टाचार की शिकायत बिजली पानी सम्भंदित समस्या सड़कों के मरमत के फण्ड अदि सम्भंदित जानकारियां प्राप्त कर सकता है
RTI की निम्न धाराएँ महत्वपूर्ण है The following sections of RTI are important in Hindi
- धारा 6 (1) RTI की Application लिखने की धरा है
- धारा 6 (3) अगर आपकी Application गलत विभाग में चली गयी है तोह गलत विभाग 6 (3) धरा के अंतर्गत सही विभाग में 5 दिन के अंदर भेज देगा
- धारा 7 (5) इस धरा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई RTI शुल्क नहीं देना पड़ता
- धारा 7 (6) इस धरा के अनुसार अगर RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता तोह सुचना फ्री में दी जायगी
- धारा 18 अगर कोई अधिकारी जवाब नहीं देता तोह इस की शिकायत सुचना अधिकारी को दी जाये
- धारा 19 (1) अगर आपकी RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता है तोह आप इस धरा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते है
- धारा 19 (3) अगर आपकी प्रथम अपील का जवाब नहीं आता है तोह आप इस धरा की मद्द से 90 दिन के अंदर 2nd अपील अधिकारी को अपील कर सकते हो
सूचना का अधिकार संबंधित आवश्यक नियम (Right to Information Rules)
इसकेअंतर्गत आवेदन जमा करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है यहां पर इस आवेदन से संबंधित बातें बताई जा रही हैं
- एक भारतीय नागरिक इसके अंतर्गत अपनाआवेदनजमाकरसकताहैयदि आप भारतीय नागरिक हैं तो इसका प्रयोग करके किसी भी सरकारी दफ्तर से आवश्यक जानकारी हासिल कर सकते हैं
- सूचना का अधिकार 2005 के अंतर्गत आप किसी भी public authorityसे सूचना प्राप्त कर सकते हैं public authorityके अंतर्गत सभी केंद्रीय राज्य और स्थानीय संस्थान आते हैं जिसकी स्थापना संविधान के अंतर्गत हुई है जो संस्थान केंद्र और राज्य के सम्मेलन से चलती हैं वहां भी आवेदन दिया जा सकता है
- इस अधिनियम से कई संस्थानों को अलग रखा गया है सूचना का अधिकार के section 24 (1) के अंतर्गत सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसी इस कोर्स के बाहर रखा गया है
- इस आवेदन में आवेदक को एकदम सटीक सरकारी संस्थान का नाम जमा करना पड़ता है जहां से आवेदक को जानकारियां हासिल करनी हो यह आवेदक का काम है कि वह पता लगाएं कि कहां पर आवेदन जमा करने से आपको जल्द से जल्द आवेदन प्राप्त होगा
- अपने आवेदन के साथ आवेदक को आवेदन का शुल्क भी भेजना होता है किसी भी व्यक्ति के लिए यह राशि केवल ₹10 की होती है यदि आवेदक गरीबी रेखा से नीचे है का हो तो यह शुल्क भी नहीं लगता है हालांकि गरीबी रेखा के नीचे के आवेदक को अपने आवेदन के साथ अपनी जाति प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता होती है
- इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि विभिन्न राज्यों में यह शुल्क भिन्न है कई राज्यों में यह शुल्क ₹8 से ₹100 के बीच का भी होता है
- इसके अंतर्गत आवेदक को 30 दिनों के अंदर परिणाम प्राप्त हो जाता है हालांकि यदि अति आवश्यक डॉक्यूमेंट हो तो 48 घंटे के भीतर भी परिणाम प्राप्त किया जा सकता है
- कई कारणों से उसका आवेदन rejectभी हो जाता है यदि आवेदक ने अपने आवेदन में बातें सही से नहीं भरी हो अथवा किसी तरह की detailअधूरी हो तो आवेदन rejectकिया जा सकता है यदि आवेदन राशि गलत दी गई है तो भी यह आवेदन rejectकिया जा सकता है
सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवेदन कैसे दे How to apply for Right to Information Act
इसके अंतर्गत आवेदन देने व सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदक निम्न प्रक्रिया अपना सकता है
- हर सरकारी विभाग में जन सुचना अधिकारी होता है. आप अपने आवेदन पत्र उसके पास जमा करवा सकते है.
- आवेदन पत्र का format internet से download कर सकते है या फिर एक सफ़ेद कागज पर अपना आवेदन(application) लिख सकते है जिसमे जन सुचना अधिकारी आपकी मदद करेगा.
- RTI की application आप किसी भी भारतीय भाषा जैसे हिंदी, इंग्लिश या किसी भी स्थानीय भाषा में दे सकते हैं
- अपने आवेदन पत्र की फोटो कॉपी करवा कर जन सुचना अधिकारी से रिसीविंग जरुर ले ले.
- https://rtionline.gov.in/ इस site पर जा कर केंद्र सरकार के किसी भी विभाग से जानकारी प्राप्त करने के लिए online आवेदन भी कर सकते है.
- अगर आप दिल्ली के निवासी है तो आप दिल्ली सरकार की RTI से जुडी जानकारी और RTI फॉर्म http://delhigovt.nic.in/rti में जानकार जान सकते है और download कर सकते है.
- साथ ही RTI से जुडी सभी जानकारी और guidelines आप इस website में https://rtionline.gov.in/guidelines.php?appeal जाकर देख सकते है.
आरटीआई कैसे लिखे – Right to Information Act 2005 in Hindi
- इस के लिए आप एक साधा पेपर ले और उस मे 1 इंच की कोने से जगह छोड़े और नीचे दिए गए प्रारूप मे अपने आरटीआई लिख ले
- ………………………………………………………………..
……………………………………………………………….. - सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6(1) और 6(3) के अंतर्गत आवेदन
- सेवा मे
(अधिकारी का पद)/ जन सूचना अधिकारी
विभाग का नाम - विषय – आरटीआई act 2005 के अंतर्गत ……………… से संबधित सूचनाए
- 1- अपने सवाल यहाँ लिखे
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4 - मैं आवेदन फीस के रूप में 10रू का पोस्टल ऑर्डर …….. संख्या अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्ड धारी हूं इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल. कार्ड नं…………..है। - ..
- यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयाविध् के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।
भवदीय
नाम:
पता:
फोन नं: