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Ethics, Aptitude and Integrity for Uttarakhand PCS Mains exam

By Vyas IAS Academy | General knowledge | Jun 06, 2017
Vyas IAS coaching Dehradun sharing a best study notes on  ethics uttarakhnad PCS main exam.

अभिवृति : अभिवृति किसी व्यक्ति का विचार , चीज या धारणा के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक विचार है।

नीतिषास्त्र क्या है? : नीतिषास्त्र एक स्थापित मानक है जो बतलाता है कि मनुष्य को अधिकार , कर्तव्य अथवा समाज के संदर्भ में कैसे व्यवहार करना चाहिए । साथ ही यह ऐसे मानकों के विकास का भी अध्ययन करता है।

नैतिकता क्या हैः यह मनुष्य का आंतरिक पक्ष है जिसका पालन व्यक्ति स्वेच्छा से करता है हालांकि व्यवहार का निर्धारण ससमाज द्धारा भी प्रभावित होता है।

नीतिषास्त्र के निर्धारक तत्वः  मानवीय क्रियाकलापों की परिस्थिति , क्रियाकलाप की विषयवस्तु , मानवीय क्रियाकलापों के उद्देष्य आदि ही नीतिषास्त्र के निर्धारक तत्व माने जाते हैं।

बैद्धिक हिप्पोक्रेसी: अपने लिए अलग तथा दूसरों के लिए अलग मानदंड रखता तथा अपने अंतर्विरोधा को यथासंभव छिपाने का प्रयास करना बौद्धिक हिप्पोक्रेसी है।

भारतीय नीतिषास्त्र में गुण की अवधारणाः  भारतीय नीतिषास्त्र में गुण का संबंध तीन प्रकार के गुणों यथा सात्विक गुण , रजस गुण तथा तमस गुण से है।

शुभ और अषुभ :  अशुभ का संदर्भ समय काल और परिस्थितियों के आधार पर बदलता रहता है। भैतिकवादी पारिवारिक वं भौतिक सुखों को ही  मानते हैं वहीं आदर्षवादी अत्यात्मिकता को ही

सांगठनिक अभिक्षमता : सफल संगठन संचालन के लिए  सफल नेतृत्व की आवष्यकता होती है और यह नेतृत्व कई विषेष गुणों की संभावनाओं पर टिका होता है जो सांगठनिक अभिक्षमता के अंतर्गत आता है।

राजनीतिक स्तर पर नैतिक का सार तत्व : राजनैतिक स्तर पर नैतिकता का सारतत्व है न्यायपूर्ण समाज की स्थापना । आर्थात प्रत्येक स्थिति में जनता ही सर्वोपरि है।

नैतिक मनोवृत्ति एवं प्रशासन :  नैतिक मनोवृत्ति अपने परिवेष की परिघटनाओं का मूल्यांकन नैतिक मूल्यों के आधार पर करती है। दरअसल ष्षासन की नींव स्थिरता और मधुर संबंधों को सुनिष्चित करते हुए नैतिक गुणों पर रखी जानी चाहिए ।

सांस्कृति सापेक्षवाद : सांस्कृतिक निरपेक्षवाद ऐसा विचार है कि सर्वोच्च नैतिक मूल्य एक संस्कृति से दूसरी संस्कृति से भिन्न नहीं होते हैं।

मूल्य निर्माण व समाजीकरण :  किसी व्यक्ति के जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण अवस्था सामाजीकरण है और इसके द्धारा वह महत्वपूर्ण व्यक्तियों अर्थात माता - पिता अध्यापक आदि से सामाजिक -सांस्कृति और और धार्मिक प्रथाओं को अपनाता है।

 
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