ओलंपिक विजेता पहलवान सुशील कुमार की जीवन कहानी In Hindi
By Charchit Chaudhary | Article | Jun 11, 2025
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Name |
सुशील कुमार (Sushil Kumar) |
Height |
5 feet 5 inch![]() |
Caption |
सुशील कुमार ओलिम्पिक मेडल ग्रहण करते हुए |
Birth Name |
सुशील कुमार सोलंकी (Sushil Kumar Solanki) |
Birth Date |
26 मई 1983 (Thursday) |
Birth Place |
बापरोला, नजफगढ़, पश्चिम दिल्ली, भारत |
Nationality |
भारतीय |
Citizenship |
भारतीय |
Other Names |
“द रेसलिंग मास्ट्रो” |
Education |
स्नातक: नॉएडा कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन, दादरी; (कुछ स्रोतों में पारस्नातक का उल्लेख है) |
Alma Mater |
नॉएडा कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन, दादरी |
Occupation |
फ्रीस्टाइल पहलवान |
Years Active |
1998–2018 |
Known For |
भारत के पहले ऐसे पहलवान जिन्होंने लगातार दो ओलिंपिक पदक जीते |
Notable Works |
बीजिंग 2008 - कांस्य; लंदन 2012 - रजत; विश्व चैम्पियन 2010 - स्वर्ण |
Spouse(s) |
सावि कुमार (18 फरवरी 2011 को विवाह) |
Children |
जुड़वा पुत्र – सुवर्ण और सुवीर (5 जनवरी 2014 को जन्म) |
Parents |
दيوان सिंह (पिता - डीडीसीए/MTNL ड्राइवर), कमला देवी (माँ) |
Relatives |
चचेरा भाई संदीप (पहलवान); अन्य भाई–अमरजीत व मंजीत सोलंकी |
Website |
उपलब्ध नहीं |
2. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
🕒 जन्म तिथि और स्थान
सुशील कुमार का जन्म 26 मई 1983 को बापरोला, नजफगढ़, पश्चिमी दिल्ली में हुआ ।
👪 पारिवारिक पृष्ठभूमि
वह एक सोलंकी/जाट परिवार में जन्मे। उनके पिता दिवान सिंह एक घरेलू पहलवान थे जो बाद में डीडीसीए / MTNL में ड्राइवर बने, और उनकी माँ कमला देवी गृहिणी थीं । चचेरे भाई संदीप ने शुरू में पहलवानी सीखी लेकिन सुशील में क्षमता देखकर पीछे हट गए – यह उनके पिता और संदीप का बलिदान था जिसने सुशील को प्रेरित किया ।
🎓 शिक्षा का इतिहास
16 साल की उम्र में सुशील ने चत्रसाल स्टेडियम अखाड़े में पहलवानी की ट्रेनिंग शुरू की। अकादमी में ट्रेनर यशवीर और रामफल के साथ शुरुआत की, बाद में अर्जुन अवॉर्डी सतपाल सिंह ने उन्हें मार्गदर्शन दिया । उन्होंने नॉएडा कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन से स्नातक किया ।
🎯 प्रारंभिक रुचियाँ और प्रेरणाएं
सुशील ने 14 वर्ष की उम्र में पहलवानी ट्रेनिंग ली। उन्होंने 1998 विश्व कैडेट गेम्स और 2000 एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीता, जिससे उनकी राष्ट्रीय-आंतरर्राष्ट्रीय यात्रा की नींव रखी ।
3. करियर
शुरुआती कदम
सुशील ने साल 2003 में एशियाई चैम्पियनशिप (नया दिल्ली) में कांस्य और कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप (लंदन) में स्वर्ण जीता ।
🔥 प्रमुख उपलब्धियां
- 2004 एथेंस ओलिंपिक: 60 किग्रा वर्ग में 14वां स्थान ।
- 2005 केप टाउन: 66 किग्रा वर्ग में स्वर्ण ।
- 2006 Doha एशियाई खेल: कांस्य ।
- 2007 लंदन कॉमनवेल्थ: स्वर्ण; एशियन चैम्पियनशिप में रजत भी ।
- 2008 बीजिंग ओलिंपिक: 66 किग्रा वर्ग में कांस्य, और यह भारत को 56 वर्षों में पहला पहलवानी पदक था ।
- 2010 विश्व चैम्पियनशिप (मॉस्को): 66 किग्रा वर्ग में स्वर्ण — भारत के पहले पहलवानी विश्व चैम्पियन बने ।
उसी वर्ष, उन्होंने दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण जीता । - 2012 लंदन ओलिंपिक: 66 किग्रा वर्ग में रजत — भारतीय पहलवानी में लगातार दूसरा ओलिंपिक पदक ।
वे उद्घाटन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक भी रहे । - 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ: 74 किग्रा वर्ग में स्वर्ण ।
- 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ: फिर से 74 किग्रा में स्वर्ण ।
🎖️ महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- दो ओलिंपिक पदक (2008 कांस्य, 2012 रजत)
- पहला विश्व स्वर्ण (2010)
- तीन कॉमनवेल्थ स्वर्ण (2010, 2014, 2018)
🤝 प्रशिक्षण और साझेदारी
मुख्य कोच सतपाल सिंह थे (ड्रोनाचार्य अवॉर्डी, अर्जुन अवॉर्डी) । अखाड़ा: चत्रसाल स्टेडियम — भारतीय पहलवानी की पहचान ।
4. व्यक्तिगत जीवन
👰 वैवाहिक स्थिति और जीवनसाथी
18 फरवरी 2011 को उन्होंने सावी कुमार (खिलाड़ी/टेनेस खिलाड़ी, सतपाल सिंह की बेटी) से विवाह किया ।
👶 बच्चे
5 जनवरी 2014 को जुड़वा पुत्र सुवर्ण और सुवीर का जन्म हुआ ।
🎯 स्वाद, रुचियां और आदतें
- खाद्य आदत: शुद्ध शाकाहारी; डाइट का खास ध्यान जैसे मक्खन और दूध ।
- शौक: यात्रा, पठन और योग ।
- ब्रांड निर्णय: शराब ब्रांड का विज्ञापन मना किया – युवाओं के लिए अनुकरणीय ।
🌱 परोपकार और सक्रियता
उन्होंने हरियाणा में पहलवानी अकादमी खोली, सामाजिक-खेल पहल में सक्रिय भूमिका निभाई ।
5. मृत्यु और विरासत
- मृत्यु: लागू नहीं — सुशील कुमार आज भी जीवित और सक्रिय हैं।
- विरासत: भारतीय पहलवानी के लिए मिसाल; दो ओलिंपिक पदक, विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण — देश की पहलवानी को नई पहचान मिली। युवा खिलाड़ी उन पर प्रेरित हुए।
6. पुरस्कार और सम्मान
पुरस्कार |
वर्ष |
अर्जुन अवॉर्ड |
2005 |
राजीव गांधी खेल रत्न |
2009 |
पद्म श्री |
2011 |
(शाब्दिक: मेजर ध्यानचंद खेल रत्न?) |
– |
CNN‑IBN इण्डियन ऑफ़ द इयर—खेल |
2010 |
अतिरिक्त पुरस्कार |
डीएसपी ऑफर, ट्रेन प्रमोशन, भूमि, नकद (₹ crore+) |
7. ग्रंथसूची / फिल्मोग्राफी
- अभी तक कोई समर्पित पुस्तक या फिल्म नहीं, पर डॉक्युमेंट्री, खेल चैनलों में उलेखनीय कार्य।
- TV/चैनल: ओलिंपिक और कॉमनवेल्थ किस्तों में प्रमुख भूमिका निभाई।
8. बाहरी लिंक
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- 🔗 प्रो रेसलिंग इंडिया: कइयों पहलवानों के फीचर्स
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