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विंग कमांडर व्योमिका सिंह: भारतीय वायु सेना में एक पथप्रदर्शक

By Gaurav Chamoli | Article | May 28, 2025

नाम: व्योमिका सिंह


कैप्शन: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह
जन्म नाम: व्योमिका सिंह
जन्म तिथि: 10 मई 1990
जन्म स्थान: नई दिल्ली, भारत
राष्ट्रीयता: भारतीय
नागरिकता: भारतीय
शिक्षा: बी.टेक (एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग)
शैक्षणिक संस्थान: दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग
पेशा: अधिकारी, भारतीय वायु सेना
सक्रिय वर्ष: 2010–वर्तमान
प्रसिद्धि: उच्च ऊंचाई पर बचाव कार्य, ऑपरेशन सिंदूर
विशेष कार्य: ऑपरेशन सिंदूर
पति: विंग कमांडर दिनेश सिंह सभरवाल
माता-पिता: श्री आर.एस. निम, श्रीमती करुणा सिंह
रिश्तेदार: भूमि‍का सिंह (बहन), निर्मलिका सिंह (बहन)

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

विंग कमांडर व्योमिका सिंह का जन्म 10 मई 1990 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उनके पिता, श्री आर.एस. निम, वनस्पति विज्ञान के शिक्षक थे, और माता, श्रीमती करुणा सिंह, भी शिक्षिका थीं। व्योमिका का नाम 'व्योमिका' रखा गया, जिसका अर्थ है 'आकाश में विचरण करने वाली' । यह नाम उनके भविष्य के करियर के साथ पूरी तरह मेल खाता है।

व्योमिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के एक प्रतिष्ठित विद्यालय से प्राप्त की। स्कूल के दिनों में ही उन्होंने राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) में भाग लिया, जहाँ उन्होंने अनुशासन, नेतृत्व और शारीरिक फिटनेस के गुणों का विकास किया। छठी कक्षा में ही उन्होंने भारतीय वायुसेना में शामिल होने का सपना देखा, जिसे उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से साकार किया ।

अपनी स्कूली शिक्षा के बाद, व्योमिका ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी) से पर्यावरण इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने भारतीय वायुसेना में शामिल होने की तैयारी जारी रखी और अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहीं।

सैन्य करियर की शुरुआत

2010 में, व्योमिका सिंह ने भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में कमीशन प्राप्त किया। उन्होंने चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों को उड़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले और कठिन इलाकों में उपयोग किए जाते हैं। उनकी उड़ान क्षमताओं और नेतृत्व कौशल के कारण उन्हें विभिन्न महत्वपूर्ण मिशनों में शामिल किया गया।

2019 में, उन्हें स्थायी कमीशन प्रदान किया गया, जो भारतीय वायुसेना में उनकी उत्कृष्ट सेवा और समर्पण का प्रमाण है। यह उपलब्धि केवल उन अधिकारियों को दी जाती है जो लगातार उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं ।

प्रमुख मिशन और उपलब्धियाँ

अरुणाचल प्रदेश में बचाव अभियान

नवंबर 2020 में, अरुणाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़ के कारण कई नागरिक फंसे हुए थे। व्योमिका ने इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में एक बचाव मिशन का नेतृत्व किया और सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। उनकी त्वरित निर्णय क्षमता और नेतृत्व कौशल के लिए उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सराहा गया।

माउंट मणिरंग अभियान

2021 में, व्योमिका ने माउंट मणिरंग (21,650 फीट) पर एक त्रि-सेवा महिला पर्वतारोहण अभियान में भाग लिया। यह अभियान 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत आयोजित किया गया था। इस कठिन पर्वतारोहण में उनकी भागीदारी ने उनके शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को दर्शाया।

ऑपरेशन सिंदूर

मई 2025 में, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक एक सर्जिकल स्ट्राइक अभियान शुरू किया। व्योमिका सिंह ने इस अभियान की योजना, समन्वय और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 7 मई 2025 को, उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ मिलकर एक प्रेस ब्रीफिंग में राष्ट्र को इस अभियान की जानकारी दी। उनकी स्पष्टता और आत्मविश्वास ने देशवासियों को आश्वस्त किया और उन्हें व्यापक सराहना मिली ।

व्यक्तिगत जीवन

व्योमिका सिंह की शादी विंग कमांडर दिनेश सिंह सभरवाल से हुई है, जो स्वयं भी भारतीय वायुसेना में अधिकारी हैं। उनकी बहन भूमिका सिंह यूके में वैज्ञानिक हैं, जबकि दूसरी बहन निर्मलिका सिंह भी उनके जीवन में प्रेरणा का स्रोत रही हैं। व्योमिका अपने परिवार के साथ गहरा संबंध रखती हैं और उन्हें अपने जीवन की सफलता का श्रेय देती हैं ।

पुरस्कार और सम्मान

व्योमिका सिंह को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • चीफ ऑफ एयर स्टाफ द्वारा प्रशंसा (2022)

  • उच्च ऊंचाई वाले अभियानों के लिए एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा प्रशंसा (2021)

  • प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नेतृत्व के लिए विशेष मान्यता (2020)

  • ऑपरेशन सिंदूर के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रशंसा पत्र (2025)

विरासत और प्रेरणा

व्योमिका सिंह की कहानी न केवल भारतीय वायुसेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समर्पण, अनुशासन और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी जीवनी 'Soaring Beyond Limits' अब एनसीसी पाठ्यक्रम और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों का हिस्सा बन चुकी है। वह विभिन्न सैन्य अकादमियों, विश्वविद्यालयों और नेतृत्व सम्मेलनों में अपने अनुभव साझा करती हैं, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है ।

निष्कर्ष

विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जीवनगाथा भारतीय वायुसेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और उनके अद्वितीय योगदान का प्रतीक है। उनकी कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समर्पण, दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

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