उत्तराखंड के विषय मे रोचक जानकारी (Interesting information about Uttarakhand)
उत्तराखंड का भूगोल (Geography of Uttrakhand)
उत्तराखंड(Uttrakhand) की कुल भोगौलिक भूभाग (Geographical terrain) 53483 वर्ग किलोमीटर है। राज्य का अधिकतर क्षेत्र जंगलों और पहाड़ों से घिरा है। उत्तराखंड(Uttrakhand) की विशिष्ट जीव जंतुओं और वनस्पतियों में स्नो लेपर्ड, भरल, बाघ, तेंदुए और असामान्य झाडि़यां और पेड़ शामिल हैं। भारत की दो बड़ी नदियां यमुना (Yamuna) और गंगा(Ganga) के उद्गम स्थान राज्य में ही हैं। उत्तराखंड की प्रमुख भौगोलिक विशेषताएं इस प्रकार हैं:
अल्पाइन की झाडि़यां और चराई
पहाड़ी झाड़ीदार भूमि और मैदान
पश्चिमी हिमालय के उप अल्पाइन शंकुवृक्ष जंगल
सामान्य शंकुधारी जंगल
हिमालय श्रृंखला के सबट्रापिकल देवदार जंगल
पश्चिमी हिमालय के सामान्य पतझड़ी जंगल
अपर गंगा के मैदानों के नम पतझड़ी जंगल
तराई-दुआर की तराई और सवाना
जनसांख्यिकी (Demography)
भारत के उत्तरी भाग में उत्तराखंड (Uttrakhand) राज्य स्थित है। उत्तराखंड का कुल भूभाग 53,483 वर्ग किलोमीटर का है। उत्तराखंड की आबादी (Population) 1,00,86,292 है जो की सन् 2011 की जनगणना(Census) के अनुसार है । यह वृद्धि दर पिछली जनगणना के मुकाबले 19.17 प्रतिशत(Percent) की थी। यहां महिलाओं और पुरुषों का अनुपात (Ratio) 963:1000 है। उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व (Population Dencity) 189 प्रति वर्ग किलोमीटर आँका गया है। उत्तराखंड राज्य की साक्षरता दर (Literacy Rate)79.63 प्रतिशत है। राज्य की सीमाएं हिमाचल प्रदेश,तिब्बत और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों से जुड़ती हैं। देश की राजधानी दिल्ली से राज्य की राजधानी देहरादून 240 किलोमीटर दूर स्थित है। उत्तराखंड में 13 जिले हैं:चंपावत, उत्तर काशी, नैनीताल, बागेश्वर, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा,, चमोली, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और हरिद्वार।
अर्थव्यवस्था (Economy)
उत्तराखंड (Uttrakhsnd) राज्य की अर्थव्यस्था का महत्वपूर्ण आधार कृषि (Agriculture) है । सोयाबीन, गेंहू, चावल, मूंगफली, दालें, मोटे अनाज और तिलहन यहां की मुख्य फसले(Crops) हैं। आडू, प्लम,सेब, नाशपाति, संतरा, और लीची यहाँ व्यापक तौर पर उगाए जाते हैं और खाद्य उद्योग (Food Industry)का महत्वपूर्ण भाग हैं। गन्ना (Sugarcane)राज्य की प्रमुख नगदी फसल है। राज्य में पर्यटन का भी अपना एक विशिष्ट स्थान है। पर्यटन (Tourism)उत्तराखंड की सालाना आय में योगदान दे रहा है।
समाज और संस्कृति (Society and culture)
उत्तराखंड (Uttrakhand) की जीवनशैली, रिवाजों और परंपराओं से उत्तराखंड के समाज को आसानी से समझा जा सकता है। उत्तराखंड का संमाज उसके सांस्कृतिक स्वरुप का विस्तार (Expand)है। गढ़वाल और कुमाउं के इलाको मे विभिन्न प्रकार की जातीय समूह (Ethnic Group)निवास करती हैं । उत्तराखंड (Uttrakhand)राज्य में रहने वाले ज्यादातर लोग हिंदू(Hindu) और बौद्ध धर्म के अनुयायी (Followers)हैं। सन् 1947 में पश्चिमी पंजाब से पलायन कर उत्तराखंड में आकर बस जाने वाले कुछ लोग सिख(Sikh) धर्म के अनुयायी भी यहाँ निवास करते है। उत्तराखंड राज्य मे अनेक उत्सव (Festival)भी मनाये जाते हैं इन उत्सवों मे घी संक्राति, वट सावित्री, खतरुआ, फूल देई, हरेला मेला, नंदा देवी मेला आदि शामिल हैं।लकड़ी की नक्काशी(Wood Carving) स्थानीय शिल्प में प्रमुख है। यहां के लोकप्रिय लोक गीतों में मंगल ,बसंती, खुदेद और चैपाटी शामिल हैं। हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ यात्रा कुंभ मेला हरिद्वार में होता है। इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन (Religious conference)माना जाता है।
सरकार और राजनीति(Government and politics)
उत्तराखंड राज्य मे वर्तमान मे भारतीय जनता पार्टी(BJP) की सरकार है। यहाँ के मुख़्यमंत्री(ChiefMinister) श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी है। सरकार के सभी काम मुख्य तौर पर राज्य की राजधानी और गढ़वाल मंडल के देहरादून(Dehradun) से होते हैं।यहां कुल पांच संसदीय क्षेत्र हैं और 70 विधानसभा सीटें हैं।
भाषा (languages)
उत्तराखंड (Uttrakhand)की दो प्रमुख क्षेत्रीय भाषाएं कुमाउंनी और गढ़वाली हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी(Hindi) है। गढ़वाल और कुमाउं क्षेत्र में क्रमशः गढ़वाली और कुमाउंनी भाषाएं बोली जाती हैं। पश्चिम और उत्तर में कुछ आदिवासी समुदाय (Tribal Community)जौनसारी और भोटिया बोलियां बोलते हैं। वहीं दूसरी ओर शहरी आबादी ज्यादातर हिंदी भाषा बोलती है जो कि संस्कृत (Sanskrit)के साथ साथ उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
पर्यटन (Tourism)
उत्तराखंड प्रकृति का वरदान(Boon) है यहाँ पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, प्रकृति, वन्यजीवन, एडवेंचर या तीर्थ स्थल कुछ भी क्यों ना हो उत्तराखंड(Uttrakhand) सभी मे प्रथम स्थान प्राप्त करता है । यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थानों में हरिद्वार,ऋषिकेश, देहरादून ,अल्मोड़ा, केदारनाथ, मसूरी, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री, जिम कार्बेट नेशनल(Jim Carbatt) पार्क नैनीताल, रानीखेत और पिथौरागढ़ है । एडवेंचर पसंद लोगो के लिए एल्टीट्यूड की ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैरा ग्लाइडिंग, हेंग ग्लाइडिंग, पर्वतारोहण, स्कीइंग या दूसरी कई गतिविधियां(Activities) प्रमुख हैं ।
वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuary)
उत्तराखंड के नेशनल पार्कों (National Park)की अद्भुत खूबसूरती में बढ़ती वन्यजीवों की उपस्थिति यहां की अविस्मरणीय विविधता (Diversity)दिखाती है। उत्तराखंड वनस्पतियों से परिपूर्ण हैं। यहाँ के राष्ट्रीय उद्यान अनेक प्रकार के पेड़ पौधों के मामले में भी पीछे नहीं है। यहां के राष्ट्रीय उद्यान कई प्रकार के पेड़ों, पौधों, झाडि़यों, लकडि़यों और जड़ी बूटियों से भरे हैं। ये नेशनल पार्क वन्य जीवों के संरक्षण(Protection) केंद्र के रुप में कार्य करते हैं।
परिवहन (Transportation)
उत्तराखंड में भारत से कहीं से भी रेल,हवाई मार्ग , सड़क से पहुंचा जा सकता है। देहरादून का जौलीग्रांट (Jollygrant)हवाई अड्डा उत्तराखंड का सबसे famous हवाई अड्डा है। देहरादून से कुछ घरेलू एयरलाइंस उड़ानें भी चलती हैं।उत्तराखंड भारत के सभी बड़े शहरों और कस्बों मे उत्कृष्ट रेलवे नेटवर्क साझा करता है। इस राज्य को देश के दूसरे राज्यों से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन, हरिद्वार रेलवे स्टेशन और काठगोदाम रेलवे स्टेशन(Railway Station) हैं। उत्तराखंड राष्ट्रीय राजमार्गों के एक मजबूत नेटवर्क से जुड़ा है जो इसे भारत के अन्य राज्यों से जोड़ता है, जैसे एनएच 58, 73, 74 और 87। राज्य में राज्य सड़क परिवहन निगम बस सेवाएं संचालित करता है ।