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MP G.K: मध्य प्रदेश मे पाई जाने वाली मिट्टियाँ #Soils found in MP

By Pooja | General knowledge | Jun 30, 2020

मध्य प्रदेश मे पाई जाने वाली मिट्टियाँ #Soils found in MP


आज हम educationmasters आपके लिए लाए हैं मध्य प्रदेश मे पाई जाने वाली मिट्टियों के प्रकार और मिट्टी की विशेषताएं। मध्य प्रदेश मे पाई जाने वाली मिट्टियों के प्रकार मध्य प्रदेश द्वारा संचालित अनेक परीक्षाओं मे पूछ ली जाती है। आशा है कि हमारा यह लेख आपको राज्य के द्वारा संचालित परीक्षाओं मे सफलता की तरफ ले जायेगा।

मध्य प्रदेश मे पाई जाने वाली मिट्टियाँ #Soils found in MP


मध्य प्रदेश की मिट्टी(Soil) को भारतीय भूमि एवं मृदा सर्वेक्षण विभाग ने 5 भागों में वर्गीकृत किया है जो निम्नांकित हैं :-


  • काली मिट्टी (ह्यूमस या रेगर)




  • लाल-पीली मिट्टी




  • जलोढ़ मिट्टी (काप मिट्टी)




  • लैटराइट मिट्टी




  • बलुई मिट्टी




   1.काली मिट्टी (Humas Soil)




  •  काली मिट्टी (Kali Mitti)को स्थानीय लोग “भर्री या कन्हर”और " रेगड मिटटी" भी कहते हैं।

  • काली मिटटी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में सबसे अधिक पाई जाती है।

  • कपास (Cotton)की खेती के लिए काली मिटटी सबसे अच्छी  होती है।

  • दक्कन ट्रेप (Malwa ) में बेसाल्ट नामक आग्नेय चट्टानों से निर्मित यह लावा-मिट्टी है ।

  • चीका और बालू निर्मित लोहे और चूने (Iron and Calcium)की प्रधानता है।

  • लोहे (iron)की अधिकता से काला रंग, चूने की उपस्थिति से आर्द्रता ग्रहण करने की क्षमता होती है।

  • इसका pH मान 6.3-6.4 होता है।

  •  मध्य प्रदेश (MP) के 510 लाख एकड़ क्षेत्रफल (48 प्रतिशत) में काली मिट्टी (Black Soil)पायी जाती है।

  • काली मिटटी (Black Soil)में फॉस्फेट, नाइट्रोजन एवं जैव पदार्थ की कमी होती है।




  1. लाल-पीली मिट्टी(Red -Yellow )





  • लाल-पीली मिट्टी दूसरी सर्वाधिक मात्रा में पायी जाने वाली बुंदेलखंड (Bundelkhand)के कुछ भाग तथा बघेलखण्ड में यह पायी जाती है विशेषकर मंडल, बालाघाट, सीधी, शहडोल जिलों में।

  • लाल-पीली मिट्टी(Red Yellow Soil) का निर्माण आर्कियन, धारवाड़ तथा प्रमुखतः गोंडवाना काल की चट्टानों के ऋतुक्षरण से हुआ है।

  • लाल-पीली मिट्टी के रंग का निर्धारण फेरिक ऑक्साइड (Feric Oxide)की मात्रा द्वारा निर्धारित होता है।

  • लाल-पीली मिट्टी (Red-Yellow Soil)का pH मान – 5.5 से 8.5 तक होता है।

  • यह मिट्टी (Soil)अम्लीय से क्षारीय होती है

  • यह मिट्टी चावल (Rice)की कृषि के लिए अधिक उपयुक्त होती है।

  • इस मिट्टी मे ह्यूमस तथा नाइट्रोजन (Humas and Nitrogen)की कमी होती है।




  1. जलोढ़ मिट्टी (Alluvium Soil)





  • MP के उत्तर-पश्चिमी जिलों भिंड, मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर में यह क्षारीय प्रकृति की होती है।

  • इसे एल्युवाइल मिट्टी या दोमट मिट्टी (Domat Soil)भी कहते हैं।

  • जलोढ़ मिट्टी का निर्माण बुंदेलखंड(Bundelkhand) नीस के ऋतुक्षरण तथा चम्बल नदी द्वारा निक्षेपित पदार्थों से हुआ है।

  • जलोढ़ मिट्टी (Alluvium Soil)में नाइट्रोजन, जैव तत्व तथा फास्फोरस की कमी होती है।

  • MP प्रदेश के 30 लाख एकड़ क्षेत्रफल में पाई जाती है।

  • pH मान – 7 से अधिक होता है।

  • जलोढ़ मिट्टी (Domat Soil)में बालू, सिल्ट, मृतिका का अनुपात 50:19.6:29.4

  • जलोढ़ मिट्टी(Alluvium Soil) में मुख्य रूप से सरसों एवं गेंहू की फसल पैदा की जाती है।

  • जलोढ़ मिट्टी(Alluvium Soil) में उर्वरकता अधिक होती है।




  1. लैटराइट मिट्टी (Laterite Clay)





  • Laterite लेटराइट मिट्टी को  भाटा(Bhata) भी कहते हैं।

  • छिंदवाड़ा और बालाघाट जिलों के लगभग 70 % भाग में यह पाई जाती है।




  1. बलुई मिट्टी (Loamy Soil)





  • बलुई मिट्टी (Loamy Soil)को लाल-रेतीली मिट्टी भी कहते हैं।

  • बुंदेलखंड(Bundelkhand) के कुछ भाग में रेत और बालू से मिश्रित मिट्टी पायी जाती है।

  • बलुई मिट्टी(Loamy Soil) नीस, ग्रेनाइट चट्टानों के टूटने से निर्मित है।

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