मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना , रजिस्ट्रेशन और लाभ ||
By aditya rana | CM Yojnaye | Sep 28, 2023
मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना | महिला कल्याण के लिए उत्तराखंड राज्य द्वारा सरकारी योजना | उत्तराखंड घसियारी कल्याण योजना official website
योजना का नाम |
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना |
किस राज्य से सम्बंधित है |
उत्तराखंड सरकार |
लाभार्थी कौन है |
उत्तराखंड के नागरिक |
योजना का उद्देश्य |
पहाड़ो की महिलाओ का कल्याण एवं पौष्टिक आहार पशुओ को उपलब्ध कराना | |
आधिकारिक वेबसाइट |
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साल |
2023 |
राज्य |
उत्तराखंड |
आवेदन का प्रकार |
ऑनलाइन/ऑफलाइन |
मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना 2023 : उत्तराखंड सरकार द्वारा महिलाओ के कल्याण व उन्हें लाभ पहुँचाने के लिए घसियारी कल्याण योजना त्तराखंड 2023 ( ghasiyari kalyan yojna in uttarakhand 2023 ) को शुरू किया है | पहाड़ का जीवन बड़ा ही कठिन होता है ,पहाड़ की इन कठिन परिस्थितियों के बीच महिलाये मुख्या भूमिका निभाती है ,महिलाओ को विशेष परेशानियों का सामना करना पड़ता है पहाड़ की महिलाओ को घर का काम तो ही पड़ता है उसके साथ - साथ उन्हें खेतो का काम , पशुपालन सम्बन्धी कार्य भी करना पड़ता है |
पहाड़ की महिलाये इन्ही सब कार्यो के बीच रोज सुबह उठकर दूर ऊँचे -ऊँचे पहाड़ियों पर घास लेने के लिए जाती है जिसमे इन्हे कई कठिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है,महिलाओ की इन्ही सभी समस्याओं को ध्यान में रखकर उत्तराखंड सरकार द्वारा उत्तराखंड घसियारी कल्याण योजना 2021 को शुरू किया है | इस योजना में पंजीकरण करने के बाद पशुओं को पौष्टिक चारा /आहार उपलब्ध करवाया जायेगा इस योजना के लिए कैसे पंजीकरण करेंगे इसके लाभ क्या - क्या है , निचे और पढ़े |
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना :
उत्तराखंड सरकार द्वारा कही जाने वाली योजनाओ में से एक प्रमुख योजना है इसकी शुरुआत वर्त्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने की थी | जिसमे उत्तराखंड सरकार द्वारा बहुत कम मूल्य में पशुओ के लिए चारा उपलब्ध करवाया जाता है ,उत्तराखंड की महिलाओ को दूर ऊँचे - ऊँचे पहाड़ो पर घास काटने के लिए जाना पड़ता है , सरकार ने इस समस्या को देखकर घसियारी कल्याण योजना की शुरुआत की | घसियारी, पहाड़ में घास काटने वाली औरतो को कहते है, इसीलिए इस योजना को घसियारी कल्याण योजना का नाम दिया |
जंगलो से लाया जाने वाला घास पशुओ के लिए ज्यादा पौष्टिक नहीं होता है लेकिन सरकार द्वारा इस योजना के तहत उपलब्ध कराया जाने वाला चारा ,जंगल से लाये जाने वाले चारे से अधिक पौष्टिक होता है पशुओ के चारे में सभी तरह के पोषक तत्व उपलब्ध कराये जाते है , जिससे दुधारू पशुओ में दूध देने की छमता बढ़ जाती है इसके साथ - साथ माहिलाओ को घास लाने में जो समस्या आती है वो भी समाप्त हो जाएगी |
मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना उत्तराखंड :
घसियारी का क्या अर्थ है ?-
घसियारी पहाड़ में बोली जाने वाली भाषा का एक शब्द है घसियारी का अर्थ होता है घास काटने वाली महिलाये , महिलाओ को पशुओ के लिए चारा लेन के लिए दूर ऊँचे - ऊँचे पहाड़ो से घास काटकर उसे अपने सर पर उठाकर लाना पड़ता है |
उत्तराखंड में घस्यारी कल्याण योजना :
उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है ,उत्तराखंड राज्य के केवल दो जिलों ( हरिद्वार ,उधम सिंह नगर ) को छोड़कर अन्य सभी पहाड़ी इलाके है , राज्य की ज्यादातर आबादी कृषि रोजगार पर निर्भर करती है इस योजना से सीधे - सीधे 25 लाख लोगो को जोड़ना ही सरकार का मकसद है उत्तराखंड डेरी विभाग के एक आंकड़े से पता चला की उत्तराखंड में दुधारू पशुओ की संख्या लगभग 30 लाख के आस - पास है , जिसमे 10 लाख गाय है, और 20 लाख भेंसे है
उत्तराखंड की ज्यादातर बड़ी आबादी पशुपालन पर निर्भर है पहाड़ी इलाका होने के कारण यहाँ कृषि योग्य भूमि काफी कम है ,यहाँ समतलीय इलाका होने के कारण ,यहाँ खेत काफी छोटे होते है खेती कम होने के कारण पशुओ के लिए खेतो पर चारा नहीं ऊगा पाते है ,इसीलिए उन्हें दूर पहाड़ पर जाकर घास लाना ही एकमात्र रास्ता बचता है |
पहाड़ो पर चारा बरसात के मौसम में तो हरा भरा होता है लेकिन अन्य सीजन में यहाँ सुख जाता है , जिस कारण पशुओ को बिलकुल भी पोषण नहीं मिल पाता है ,इसीलिए सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत की गयी | इस योजना के तहत उत्तराखंड के मैदानी इलाको (उधम सिंह नगर व हरिद्वार के ग्रामीण इलाको में ) में पौष्टिक चारा उगाया जाता है ,इन्हे मशीनों द्वारा काटकर बोरो में भरकर उत्तराखंड के अन्य इलाको में पहुँचाया जायेगा, इस योजना में सरकार द्वारा सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई जाएगी |
घसियारी कल्याण योजना से होने वाले लाभ:
पहाड़ी महिलाओ कोहोने वाली परेशानियों से हमने आपको बताया है ,महिलाओ को होने वाली परेशानियों के साथ - साथ पशुओ को पौष्टिक चारा भी उपलब्ध करवाया जायेगा ,योजना से होने वाले लाभों का विवरण निम्न है -
- दुधारू पशुओ को घसियारी योजना के तहत पौष्टिक चारा उपलब्ध करवाया जायेगा |
- पौष्टिक चारा मिलने से राज्य दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी | जिससे उत्तराखंड के ग्रामीण लोगो की आय में वृद्धि होगी , उनका जीवन ख़ुशहाल होगा |
- पशु आहार उत्तराखंड के ग्रामीण छेत्रो में उपलब्ध करवाया जायेगा, जो की 20 से 25 किलो होगा |
- महिलाओ के जीवन स्रतर में भी सुधार होगा उन्हें दूर पहाड़ो से घास सिर पर उठाकर नहीं लाना पड़ेगा |
- अपने घरो पर पशुओ को रखने के लिए प्रोत्साहित होंगे | पशुओ को रखने से बच्चो को शुद्ध दूध मिल पायेगा |
- शुद्ध दूध मिलने से बच्चे कुपोषण के शिकार कम होंगे |
उत्तराखंड घसियारी कल्याण योजना के लिए योग्यता :
- घसियारी योजना उत्तराखंड के निवासियो के लिए है , जिनके पास पशु है |
- उत्तराखंड के पशुपालक जो यहाँ के मूल निवासी है |
- दुधारू पशु रखते हो |
घसियारी योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज : -
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता संख्या