banner ad

Uttarakhand : उत्तराखंड में मिट्टी ( soil ) व उसके प्रकार

By Pooja | General knowledge | Apr 27, 2020
उत्तराखंड प्राकृतिक सम्पदाओं (uttarakhand natural resources)से परिपूर्ण कृषि प्रधान राज्य है। उत्तराखंड(uttarakhand) की जनसंख्यां का एक बड़ा भू – भाग कृषि(farming ) कार्यों मे लिप्त है। उत्तराखंड मे जलवायु(climate) के दृष्टिकोण से देखा जाए तो लगभग सभी प्रकार की खेती उत्तराखंड(uttarakhand) मे होती है। उत्तराखंड मे खाद्यान फसलों मे धान, गेहूं, जौ, बाजरा, मांडवा कौड प्रमुख है तथा दलहन फसलों(crops) में राजमा, चना, भट्ट, तोर, गहथ आदि की खेती(farming) की जाती है।

उत्तराखंड मे सभी प्रकार की जलवायु पायी जाती है जिसके फलस्वरूप पर्वतीय क्षेत्रों मे तापमान (temperature)की कमी के चलते अखरोट, नाशपति एवं संतरा खुमानी आदि फलो(fruits) की खेती की जाती है। भूमि की संरचना को देखते हुए उत्तराखंड (uttarakhand) को तीन भागो मे विभाजित किया गया है।

  1.  तालाब / नदी घाटी की भूमि

  2.  मैदानी भागों की भूमि

  3.  पर्वतीय ढल युक्त भूमि / उखड


मैदानी भाग की समतल भूमि (Flat Lands)




मैदानी भाग की समतल भूमि(flat lands) के अंतर्गत संपूर्ण तराई भाबर क्षेत्र आता है। तराई भाबर क्षेत्र के अंतर्गत देहरादून , हरिद्वार , उधमसिंह नगर एवं नैनीताल का अधिकांश भाग आता है।इन क्षेत्रों मे समतल एवं उर्वरक मैदान हैं। इन उर्वरक मैदानों मे कृषि (farming)विकसित रूप से होती है। इन क्षेत्रों में गेहूं , धान , गन्ना एवं दलहनी फसलों (crops)का उत्पादन अधिक होता है।

पहाड़ी ढालों की कृषि भूमि (Agricultural land of hill slopes)




उत्तराखंड(uttarakhand) के पहाड़ी इलाको में सीढ़ीदार खेती होती है। इन पहाड़ी इलाको में होने वाली कृषि (farming)वर्षा पर आश्रित होती है। इन खेतो को स्थानीय लोग उखड़ कहते हैं क्योंकि यहाँ सरलता से सिंचाई नहीं की जा सकती है। इन क्षेत्रों मे उत्पादन कम ,अनियंत्रित और  मेहनत ज्यादा होती है। उत्तराखंड(uttarakhand) की मिट्टी पर्वतीय या वनीय मिट्टी कहलाती है।

तालाब / नदी घाटी की भूमि (pond \ river valley land)




उत्तराखंड (uttarakhand)में नदियों की प्रधानता हैं। उत्तराखंड की नदियों द्वारा अपने प्रवाह मार्ग के माध्यम से उर्वरक मैदानों का निर्माण किया जाता है। नदियों (rivers)द्वारा बनाए गये इन मैदानों मे सिंचाई सुविधा भी सरलता से उपलब्ध होती है। यह नदियों द्वारा लाई गयी मिट्टी उपजाऊ (fertile) होती है जो गेहूं , धान की खेती के लिए जरुरी होती है।

मिट्टी के संगठन के आधार पर उत्तराखंड में निम्न प्रकार की मिट्टियां पाई जाती हैं –


भाबर मिट्टी ( Bhabar Soil )




भाबर मिट्टी (bhabar soil)पथरीली एवं कंकड़ पत्थर युक्त होती है। यह मिटटी तराई के उत्तर तथा शिवालिक के दक्षिण में दृष्टिगत होती है। यह मिटटी बिलकुल भी उपजाऊ नहीं होती है क्यूंकि इस मिटटी (soil)मे पानी(water) की कमी होती है।

तराई मिट्टी ( Tarai Soil )




उत्तराखंड राज्य (uttarakhand state)के दक्षिणी भाग में देहरादून से उधम सिंह नगर तक फैली हुई यह मिट्टी (soil)पाई जाती है | यह मिट्टी बारीक़ कणो की होती है। इस मिटटी मे नाइट्रोजन तथा फास्फोरस (Phosphorus)की कमी होती है। यह  समतल , दलहनी , नम और उपजाऊ मिटटी (soil)है। यहाँ गन्ना और धान की फसल अधिक मात्रा मे होती है।

चारगाही मिट्टी ( Chargahi Soil )




चारगाही मिट्टी (chargahi soil)नदियों और जल धाराओं के किनारे अधिक मात्रा (raised quantity)में मिलती है |

टर्शियरी मिट्टी ( Tertiary soil )




टर्शियरी मिट्टी ( Tertiary soil )शिवालिक एवम दून घाटी में मिलती है। यह मिटटी बलुई छिद्रयुक्त एवम कम आर्द्रता धारणा करने वाली होती है। इस मिटटी(soil) में वस्पति अधिक मात्रा में पायी जाती है।

ज्वालामुखी मिट्टी ( Jwalamukhi Soil )




सामान्यतः आग्नेय चट्टानों से ज्वालामुखी मिट्टी(Jwalamukhi soil) का निर्माण हुआ है। नैनीताल के भीमताल जैसे इलाको में यह मिटटी(soil) पायी जाती है।

क्वाटर्ज मिट्टी ( Quartz Soil )




क्वाटर्ज मिट्टी (Quartz soil )सामनायतः तौर पर भीमताल , नैनीताल जैसे इलाको में मिलती है।

दोमट मिट्टी ( Domate Soil )




दून घाटी ( Doon valley )में दोमट मिट्टी मिलती है। दोमट मिट्टी (domate soil )में चूना तथा लौह के अंश भारी मात्रा में पाए जातें हैं।

लाल मिट्टी (red soil )




लाल मिट्टी (red soil )पहाड़ी ढालों और पर्वतों के किनारे मिलती है। और लाल मिटटी का इस्तमाल ग्रामीण (village )इलाको में लिपाई करने के लिए होता है।

उच्च मैदानी मिट्टी ( High Ground Soil )




उच्च मैदानी मिट्टी (high ground soil)4000 km से अधिक ऊंचाई(higher areas) वाली जगहों में मिलती है। उच्च मैदानी मिटटी में नमी कम तथा कार्बनिक पदार्थ ज्यादा पाया जाता है।

वनों की भूरी मिट्टी ( forest soil )


भस्मी मिट्टी ( Incinerated soil )


उच्चतम पर्वतीय छिछली मिट्टी ( Higest mountain shallow soil )


भूरी लाल पीली मिट्टी ( Brown red yellow soil)




भूरी लाल पीली मिट्टी ( brown red yellow soil )चूना ,बलुआ , पत्थर और डोलो माईट  जैसी चीजों से बनती है। यह मिटटी( soil ) श्रीनगर , मसूरी , चकराता में पायी जाती है।
banner ad

Share this Post

(इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले)

Posts in Other Categories

Get Latest Update(like G.K, Latest Job, Exam Alert, Study Material, Previous year papers etc) on your Email and Whatsapp
×
Subscribe now

for Latest Updates

Articles, Jobs, MCQ and many more!