The Diversity of Animal Life | General Zoology - UPTET EXAM
By Kamakshi Sharma | Science | Oct 04, 2018
Diversity in Animal Kingdom
हमारे आस पास जीवो की बहुत सी किसमें होती है जैसे गमले में उगने वाले पौधे की पालतू पशु पक्षी तथा अन्य प्राणी में पौधे हो सकते हैं बहुत से ऐसे जीव भी होते हैं जिन्हें हम आंखों की सहायता से नहीं देख सकते, फिर भी वह हमारे आस पास ही होते हैं|
- प्रत्येक प्रकार के पौधे अथवा जीव जिन्हे हम देखते हैं किसी एक जाति का प्रतीक होते हैं|
- वर्णित स्पीशीज की संख्या लगभग7 मिलियन से लेकर 1.8 मिलियन तक हो सकती है|
- प्रत्येक जीव का एक मानक नाम होता है जिसे वह उसी नाम से सारे विश्व में जाना जाता है इस प्रक्रिया को नाम पद्धति कहते हैं
Naming of Animals
वैज्ञानिक नाम की यह गारंटी है कि प्रत्येक जीव का एक ही नाम रहे किसी भी जीव के वर्णन में विश्व के किसी भी भाग में लोग एक ही नाम बता सके| एक ही नाम किसी दूसरे जीव का ना हो |
जीव विज्ञानी ज्ञात जीवो के नाम देने के लिए सार्वजानिक मान्य नियमो का पालन करते है | प्रत्येक नाम के दो घटक होते है
1 वंशनाम
2 जातिसंकेत
Related Terms to Classification of Animals
- सभी जीवो का अध्यन करना लगभग असंभव है इसलिए ऐसी युक्ति बनाने की आवश्यकता है जो इसे संभव कर सकें इस प्रक्रिया को ही वर्गीकरण कहा जाता है अर्थात वर्गीकरण एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें कुछ सरलता से दृश्य गुणों के आधार पर सुविधाजनक वर्ग में वर्गीकृत किया जा सके|
- वर्गिकी अध्ययन में जीवो के वर्ग जिसमें मौलिक समानता होती है उसे हम स्पीशीज कहते हैं हम किसी भी स्पीशीज को उसमें समीपस्थ संबंधित स्पीशीज से उनके आकारिकीय विभिन्नता के आधार पर उन्हें एक दूसरे से अलग करते हैं|
- वंश से संबंधित स्पीशीज का एक वर्ग आता है जिसमें स्पीशीज के गुण अन्य वंश में स्थित स्पीशीज की तुलना में समान होते हैं| आलू, टमाटर, बैंगन यह तीनों अलग-अलग स्पीशीज का एक समूह है|
- अगला संवर्ग कुल है जिसमे संबंधित वंश आते हैं वंश स्पीशीज की तुलना में कम समानता प्रदर्शित करते हैं कुल के वर्गीकरण का आधार पौधे के कयिक तथा जनन गुण है उदाहरण पौधे में तीन विभिन्न वंश सोलेनम, पिटुनिआ तथा धतूरा को सोलेनेसी कुल में रखते हैं जबकि प्राणी वंश पैंथरा जिसमे शेर बाघ चीता आते हैं को केलीस के साथ केलिडी कुल में रखे जाते हैं|
गण
संवर्ग जैसे स्पीशीज वंश तथा कुल सामान तीनों लक्षणों पर आधारित है प्राय : गण तथा अन्य उच्च वर्ग की पहचान लक्षणों के समूहन के आधार पर करते हैं गण में उच्त्तर वर्ग होने के कारण कुलो के समूह होते हैं जिनमें कुछ लक्षण एक समान होते हैं
वर्ग
इसमें संबंधित गण आते हैं उदहारण प्राईमेटा का गण जिसमें बंदर गोरिल्ला आते हैं और कर्निवोर गण जिस के अंदर बाघ तथा चिता,बिल्ली तथा कुत्ता आते हैं
संघ वर्ग
जिसमें जंतु जैसे मछली, उभयचर, सरीसृप पक्षी तथा स्तनधारी आते हैं अगले उच्चतर संवर्ग जिसे संघ कहते हैं उसका भी निर्माण कैसे करते हैं इन सभी को एक समान गुणों जैसे पृष्ठीय खोखला तंत्रिका तंत्र के होने के आधार पर कोर्डेटा संघ में रखा गया है| पौधों में इन वर्गों जिसमें कुछ ही में एक समान लक्षण होते हैं,को उच्चतर संवर्ग में डिवीजन किया गया है
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