Uttarakhand Festivals : उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार
By Pooja | General knowledge | May 19, 2020

उत्तराखंड (Uttarakhand)हिमालय को गोद मे बसा एक ऐसा राज्य है जहाँ विभिन्न जाति धर्मो के लोग निवास करते है। उत्तराखंड को देवभूमि(Devbhoomi) के नाम से जाना जाता है। यहाँ का वातावरण शांति की अनुभूति प्रदान करने वाला है उत्तराखंड मे विभिन्न त्यौहार (Festivals)मनाये जाते है जो निम्नांकित है ।
उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार निम्न प्रकार हैं:
फूलदेई (Fooldeyi)का त्यौहार चैत महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस त्यौहार के दिन बच्चे प्रत्येक घर मे जाकर घरो की मुख्याद्वारो पर पुष्प(Flowers) रखते है। लकड़ी की एक टोकरी में फूल, गुड, चावल और नारियल डालकर गांव के लोगों के घरों के मुख्यद्वार(Main Door) पर डालकर घर की खुशहाली के लिए भगवान् से प्रार्थना करते हैं और सम्बंधित गीत गाते हैं।

हरेला(Harela) का पावन पर्व श्रावण महीने के प्रथम दिन मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने के लिए 10 दिन पूर्व एक बर्तन में विभिन्न 5 या 7 प्रकार के बीज (Seeds)रोपित किए जाते है तथा हरेले के दिन इसे काटकर स्थानीय देवताओ को चढ़ाया जाता है।

गढ़वाल का एक मुख्य त्यौहार बग्वाल(Bagwal) जिसे छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।बग्वाल त्यौहार की रात को छिलके की रौशनी को जलाकर भैला (Bhaila)खेला जाता है। इस उत्सव मे गौ माता(Gaumata) की पूजा की जाती है और अपने पशुओं को मीठे पकवान खाने मे दिए जाते है।

बसंत पंचमी (Basant Panchmi)का त्यौहार माघ के हिंदू महीने या जनवरी / फरवरी के अंग्रेजी महीनों में आता है। इस पावन अवसर के दौरान लोग श्रद्धापूर्वक के साथ देवी सरस्वती(Saraswati) की पूजा अर्चना करते हैं।
उत्तराखंड(Uttarakhand) मे होली का त्यौहार दो दिन मनाया जाता है होली के पहले दिन होलिका दहन (Holika Dahan)होता है और दूसरे दिन रंगो और पानी के द्वारा होली खेली जाती है।

उत्तराखंड में विषुवत संक्रांति को बिखोती(Bikhoti) के नाम से पहचाना जाता है जो बैशाख (Baishak)महीने के पहले दिन मनाई जाती है।

सितम्बर के महीने के मध्य मे घी संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व के दिन सर पर घी लगाया जाता है।

वट सावित्री(Vat Savitri) का पावन व्रत ज्येष्ठ कृष्ण की अमावस्या को मनाया जाता है। वट सावित्री (Vat Savitri)का यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।

मकर संक्रांति (Makar Sankranti)का पर्व माघ महीने के प्रथम दिन मनाया जाता है। इस मकर संक्रांति पर्व के दिन हर घर में आटा, सूजी, नारियल और ड्राइ फ्रूट्स मिलाकर घुघते बनाए जाते और इन्हें काले कौए(Crow) को खिलाया जाता है।

उत्तराखंड के इस भिताली (Bhitali)त्योहार को हिंदू कैलेंडर के मुताबिक चैत्र के महीने में मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रावण (Srawan)के पहले ही दिन पड़ता है और पूरे उत्तराखंड राज्य में बहुत धूमधाम के साथ इस पर्व को मनाया जाता है।

यह त्यौहार कुमाऊं गढ़वाल (Kumaun Garhwal)क्षेत्र में अश्विन महीने के प्रथम दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्यत पशुओँ (Animals)के लिए मनाया जाता है।

उत्तराखंड में रक्षा बंधन(Rakshabandhan) को जन्यो-पुण्यो के नाम से भी जाना जाता है यह त्यौहार श्रावण माह की पूर्णिमा(Poornima) को मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्यतः ब्राह्मणो के त्यौहार के नाम से जाना जाता है।

चैंतोल का यह त्यौहार मुख्यतः पिथोरागढ़ (Pithoragarh)जनपद में चैत महीने में मनाया जाता है।
जागड़ा त्यौहार महासू देवता (Mahasu Devta)से सम्बंधित है।इस दिन महासू देवता की विशेष पूजा अर्चना होती है।
गंगा दशहरा का यह त्यौहार हिंदू (Hindu Calander)कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल दशमी या अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मई / जून के महीने में मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर पवित्र गंगा नदी(Ganga River) की पूजा की जाती है।
भिरौली का त्यौहार (Festival)संतान कल्याण के लिए मनाया जाता है।
यह त्यौहार जौनसार (Jaunsaar)बाबर क्षेत्र में श्रावण महीने में मनाया जाता है।
यह त्यौहार कुमाऊ(Kumaun) में फसल काटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
यह त्यौहार गढ़वाल में बैशाख महीने में मनाया जाता है। जिसमे नंदा देवी (Nanda Devi)के दूतों की विशेष आराधना की जाती है।
उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार
उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार निम्न प्रकार हैं:
फूलदेई (फूल संक्रांति) FoolSankranti
फूलदेई (Fooldeyi)का त्यौहार चैत महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस त्यौहार के दिन बच्चे प्रत्येक घर मे जाकर घरो की मुख्याद्वारो पर पुष्प(Flowers) रखते है। लकड़ी की एक टोकरी में फूल, गुड, चावल और नारियल डालकर गांव के लोगों के घरों के मुख्यद्वार(Main Door) पर डालकर घर की खुशहाली के लिए भगवान् से प्रार्थना करते हैं और सम्बंधित गीत गाते हैं।

हरेला (Harela)
हरेला(Harela) का पावन पर्व श्रावण महीने के प्रथम दिन मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने के लिए 10 दिन पूर्व एक बर्तन में विभिन्न 5 या 7 प्रकार के बीज (Seeds)रोपित किए जाते है तथा हरेले के दिन इसे काटकर स्थानीय देवताओ को चढ़ाया जाता है।

बग्वाल (Bagwal)
गढ़वाल का एक मुख्य त्यौहार बग्वाल(Bagwal) जिसे छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।बग्वाल त्यौहार की रात को छिलके की रौशनी को जलाकर भैला (Bhaila)खेला जाता है। इस उत्सव मे गौ माता(Gaumata) की पूजा की जाती है और अपने पशुओं को मीठे पकवान खाने मे दिए जाते है।

बसंत पंचमी (Basant Panchmi)
बसंत पंचमी (Basant Panchmi)का त्यौहार माघ के हिंदू महीने या जनवरी / फरवरी के अंग्रेजी महीनों में आता है। इस पावन अवसर के दौरान लोग श्रद्धापूर्वक के साथ देवी सरस्वती(Saraswati) की पूजा अर्चना करते हैं।

होली (Holi)
उत्तराखंड(Uttarakhand) मे होली का त्यौहार दो दिन मनाया जाता है होली के पहले दिन होलिका दहन (Holika Dahan)होता है और दूसरे दिन रंगो और पानी के द्वारा होली खेली जाती है।

बिखोती (Bikhoti)
उत्तराखंड में विषुवत संक्रांति को बिखोती(Bikhoti) के नाम से पहचाना जाता है जो बैशाख (Baishak)महीने के पहले दिन मनाई जाती है।

घी संक्रांति (ओगलिया)(Ghee Sankranti)
सितम्बर के महीने के मध्य मे घी संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व के दिन सर पर घी लगाया जाता है।

वट सावित्री (Vat Savitri)
वट सावित्री(Vat Savitri) का पावन व्रत ज्येष्ठ कृष्ण की अमावस्या को मनाया जाता है। वट सावित्री (Vat Savitri)का यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।

मकर संक्रांति (घुघुतिया)(Makar Sankranti)
मकर संक्रांति (Makar Sankranti)का पर्व माघ महीने के प्रथम दिन मनाया जाता है। इस मकर संक्रांति पर्व के दिन हर घर में आटा, सूजी, नारियल और ड्राइ फ्रूट्स मिलाकर घुघते बनाए जाते और इन्हें काले कौए(Crow) को खिलाया जाता है।

भिताली(Bhitali)
उत्तराखंड के इस भिताली (Bhitali)त्योहार को हिंदू कैलेंडर के मुताबिक चैत्र के महीने में मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रावण (Srawan)के पहले ही दिन पड़ता है और पूरे उत्तराखंड राज्य में बहुत धूमधाम के साथ इस पर्व को मनाया जाता है।

खतडुवा (Khatdua)
यह त्यौहार कुमाऊं गढ़वाल (Kumaun Garhwal)क्षेत्र में अश्विन महीने के प्रथम दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्यत पशुओँ (Animals)के लिए मनाया जाता है।

रक्षा बंधन (Rakshabandhan)
उत्तराखंड में रक्षा बंधन(Rakshabandhan) को जन्यो-पुण्यो के नाम से भी जाना जाता है यह त्यौहार श्रावण माह की पूर्णिमा(Poornima) को मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्यतः ब्राह्मणो के त्यौहार के नाम से जाना जाता है।

चैंतोल(Chaitol)
चैंतोल का यह त्यौहार मुख्यतः पिथोरागढ़ (Pithoragarh)जनपद में चैत महीने में मनाया जाता है।
जागड़ा (Jaagda)
जागड़ा त्यौहार महासू देवता (Mahasu Devta)से सम्बंधित है।इस दिन महासू देवता की विशेष पूजा अर्चना होती है।
गंगा दशहरा(Ganga Dasherra)
गंगा दशहरा का यह त्यौहार हिंदू (Hindu Calander)कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल दशमी या अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मई / जून के महीने में मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर पवित्र गंगा नदी(Ganga River) की पूजा की जाती है।
भिरौली (Bhiroli)
भिरौली का त्यौहार (Festival)संतान कल्याण के लिए मनाया जाता है।
नुणाई (Nudayein)
यह त्यौहार जौनसार (Jaunsaar)बाबर क्षेत्र में श्रावण महीने में मनाया जाता है।
कलाई (Kalayi)
यह त्यौहार कुमाऊ(Kumaun) में फसल काटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
सारा (Saara)
यह त्यौहार गढ़वाल में बैशाख महीने में मनाया जाता है। जिसमे नंदा देवी (Nanda Devi)के दूतों की विशेष आराधना की जाती है।
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