उत्तराखण्ड से सम्बंधित संक्षिप्त विवरण सामान्य ज्ञान व् (uk GK question in hindi)
By Vikash Suyal | General knowledge | Feb 25, 2017
Uttarakhand General Knowledge Complete Introduction - उत्तराखण्ड देवभूमि
उत्तराखण्ड भारत के उत्तर में स्थित एक राज्य है वर्ष 2000 से 2006 के बीच यह राज्य उत्तराँचल के नाम के नाम से जाना जाता था 9 नवम्बर 2000 को उत्तराखण्ड भारत गणराज्य के 27 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया राज्य का निर्माण कई वर्ष के आंदोलन के पश्चात् हुआ उत्तराखण्ड उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पर्वतीय प्रदेश का भाग है जिसमे बद्रीनाथ और केदारनाथ क्षेत्र तथा मुख्य रूप से गढ़वाल का उत्तरी भाग इस प्रदेश के अंतर्गत आता है। इस प्रान्त में वैदिक संस्कृति के कुछ महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी देहरादून है।
उत्तराखण्ड अपनी भोगोलिक स्थिति ,जलवायु ,नैसर्गिक सौन्दर्य प्राकृतिक दृश्यों एवं संसाधनों की उत्तराखंड तीर्थ यात्रा और पर्यटन की दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। यहाँ चारों धाम बद्रीनाथ ,केदारनाथ ,यमनोत्री और गंगोत्री है। इन चारो धामो की यात्रा के मार्ग में कई दशकीय स्थल है। पंचप्रयाग के नाम से प्रसिद्ध पाँच अत्यंत पवित्र संगम स्थल विष्णुप्रयाग ,नंदप्रयाग ,कर्णप्रयाग ,रुद्रप्रयाग व देवप्रयाग यहाँ स्थित है। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड में सिखों के तीर्थस्थल के रूप में हेमकुण्ड साहिब विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उत्तराखण्ड की अधिकांश झीलें कुमाऊँ क्षेत्र में स्थितहै जो की प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्धारा भूमि धरातल में परिवर्तित होने के कारण निर्मित हुई है।
History of Uttarakhand
Uttarakhnad History - उत्तराखण्ड इतिहास
ब्रम्हावर्त ,ब्रम्हार्षिदेश और आर्यावर्त आदि नामो से विख्यात है। प्राचीन धर्मग्रंथों में उत्तराखण्ड का उल्लेख केदारखण्ड ,मानसखण्ड और हिमवन्त के रूप में मिलता है। एक लोककथा के अनुसार पांडव यहाँ पर आये थे और विश्व के सबसे बड़े महाकाव्यों में महाभारत और रामायण की रचना यही पर हुई थी। भारत के इतिहास में इस क्षेत्र के बारे में सरसरी तोर पर कुछ जानकारी मिलती है। उदहारण के लिए हिन्दू के लिए धर्म के पुनरूद्धारक आदि शंकराचार्य के द्धारा हिमालय में बद्रीनाथ मन्दिर को हिन्दू धर्मावलंबी चौथा और आखरी मैथ मानते है।
उत्तराखण्ड में कुषाणों ,कुणिन्दों ,कनिष्क ,समुद्रगुप्त ,पौरवों ,कत्यूरियों ,पालों ,चंद्रों ,पवारों और ब्रिटिश शासको ने शासन किया। यहाँ के पवित्र तीर्थस्थलों के कारण इसे "देवभूमि "कहा जाता है। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को निर्मल प्राकृतिक दृश्य प्रदान करते है। वर्तमान उत्तराखण्ड राज्य आगरा व अवध संयुक्त प्रान्त का हिस्सा था। यह प्रान्त 1902 में बनाया गया था। वर्ष 1935 में इसे संयुक्त प्रान्त कहा जाता था। जनवरी 1950 में संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तरप्रदेश हो गया था। 9 नवम्बर 2000 को भारत का 27 वां राज्य बनने से पहले उत्तराखण्ड उत्तरप्रदेश का ही हिस्सा था।
Uttarakhand Geography - उत्तराखण्ड भूगोल
उत्तराखण्ड राज्य का क्षेत्रफल 53,484 वर्ग किमी में फैला है। कुल क्षेत्रफल में 34,85847 हेक्टेयर 34651 वर्ग किमी भूमि वन क्षेत्र है। क्षेत्रफल की दृष्टि उत्तराखण्ड का 18 अठारवां राज्य है तथा इसका क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 1.69 प्रतिशत है। उत्तरखण्ड की कुल भूमि का 61 प्रतिशत भू - भाग वन क्षेत्र है।
समूचे उत्तराखण्ड का 88 % प्रतिशत भू-भाग पहाड़ी है जबकि 12 % प्रतिशत भूमि मैदानी है। उत्तराखण्ड के कुल क्षेत्रफल में 46,035 वर्ग किमी भू - भाग पर्वतीय है तथा 7,448 वर्ग किमी भू -भाग मैदानी है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखण्ड की जनसंख्या 8,489,349 है। उत्तराखण्ड भारत के उत्तर - मध्य भाग में स्थित है। इसके पूर्वोत्तर में तिब्बत ,पश्चिमोत्तर में हिमाचल प्रदेश ,दक्षिण -पश्चिम में उत्तरप्रदेश और दक्षिण - पूर्व में नेपाल से घिरा हुआ है।
राज्य का अधिकतर उत्तरी भाग वृहदतर हिमालय श्रृंखला का भाग है। जो ऊँची हिमालय चोटियों और हिमनदों से ढका हुआ है। जबकि निम्न तलहटियाँ सघन वनों से ढकी हुई है।
भोगोलिक दृष्टि से उत्तराखण्ड प्रदेश में पश्चिम में हिमालय प्रदेश पूर्व में नेपाल। उत्तर में चीन के तिब्बती क्षेत्र एवं दक्षिण में उत्तरप्रदेश के गंगा - यमुना के मैदान शामिल है।
उत्तराखण्ड के प्राकृतिक भू - भाग धरातलीय ऊँचाई वर्षा की मात्रा में भिन्नता होने के कारण उत्तराखण्ड के क्षेत्रीय भाषा मानवीय क्रिया - कलापों में विभिन्नता होना स्वाभाविक है। इसलिए इस प्रदेश को विभिन्न भू- भागों में बांटा गया है।
- महान हिमालय
- मध्य हिमालय
- दून या हिमालय
- तराई व भावर क्षेत्र
- हरिद्धार का मैदानी भू - भाग
Great Himalaya - महान हिमालय
यह हिमालय हमेशा बर्फ के भू -भाग से ढका रहता है। यहाँ नन्द देवी सर्वोच्च शिखर स्थित है। जिसकी ऊँचाई 7,817 है। अन्य रूप से यहाँ कामेट ,गंगोत्री ,चौखम्बा ,बन्दरपूँछ ,केदारनाथ ,बद्रीनाथ ,त्रिशूल बद्रीनाथ शिखर स्थित है। इस भू -भाग में केदारनाथ ,गंगोत्री आदि हिमनद है फूलो की घाटी आदि बुग्याल यही अवस्थित है। यह भू - भाग अधिकतर ग्रेनाइट ,नोस व शिष्ट सहेली से आवृत है।
Doon & Shivalik Himaliyan ( दून या शिवालिक हिमालय )
यह क्षेत्र मध्य हिमालय के दक्षिण में स्थित है। इसे ब्रह्म हिमालय भी कहा जाता है। यह शिवालिक एवं मध्य श्रेणियों के बीच क्षेतिज दूरी पर पायी जाती है। जिन्हें दून कहा जाता है। इन्ही को दून कहा जाता है। इनमे से "देहरादून घाटी" विशेष रूप से प्रसिद्ध घाटी है अन्य घाटियों में पवलीदून ,केहरीदून आदि प्रमुख है।
Tarai & Bhabar Region(तराई व भावर क्षेत्र )
तराई व भावर क्षेत्र के अंतर्गत हरिद्धार ,उधमसिंह नगर के मैदानी क्षेत्र सम्मिलित है। इस भाग में पर्वतीय क्षेत्र सम्मिलित है। हालांकि इस भाग में पर्वतीय नदियां ,नालों व रेतिली भूमि में अदृश्य हो जाती है।
Haridwar & Plan Area
हरिद्धार का मैदानी क्षेत्र - इस क्षेत्र उत्तरी सिमा 300 मी की समोच्च रेखा द्धारा निर्धारित होती है। जो गढ़वाल और कुमाऊँ को पृथक करती है। हरिद्धार एक विश्वविख्यात और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जहा बारह वर्ष के बाद कुम्भ का मेला लगता है।
Uttarakhand Four Most important Holy Spot Kedarnath Dham केदारनाथ
उत्तराखण्ड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में केदारनाथ उत्तराखण्ड का प्रमुख तीर्थ स्थल है। केदारनाथ उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। इसकी ऊँचाई समुद्रतल से 3,584 मीटर है। केदारनाथ उत्तराखण्ड के हिमालय पर्वत के गढ़वाल क्षेत्र में आता है।हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में उल्लिखित बारह ज्योतिर्लिंगों में से केदारनाथ सबसे ऊँचा ज्योतिर्लिंग माना जाता है। इस मंदिर को चतुर्भुजाकार आधार पर पत्थर की बड़ी-बड़ी पट्टिओं से बनाया गया यह मन्दिर करीब 1000 वर्ष पुराना है और इसमें गर्भगृह की ओर ले जाती सीढ़ियों पर पाली भाषा के शिलालेख भी लिखे हैं।केदारनाथ मन्दिर गर्मियों के दौरान केवल 6 महीने के लिये खुला रहता है। यह उत्तराखंड का सबसे विशाल शिव मंदिर है, 8वीं शताब्दी में आदिशंकराचार्य ने एक नए मंदिर का निर्माण कराया था।
उत्तराखण्ड में चार प्रमुख तीर्थस्थल है
Yamnotri Dham (यमुनोत्री )–
यमुनोत्री मंदिर गढ़वाल हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में 3,235 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की इष्ट देवी यमुना को हिन्दू ग्रंथों विशेष महत्व दिया गया है। इनकी मूर्ति काले संगमरमर से बानी है। यमुना नदी के समीप के यमुनोत्री हिमनद से निकलती है। मंदिर से गंधक के सोते का तालाब भी है।
Gantori Dham गंगोत्री
गंगोत्री मंदिर 30,580 मित्र की ऊँचाई पर स्थित है। पत्थरों की स्लेटी पट्टिकाओं से बना यह मंदिर 1000 साल से भी अधिक पुराना माना जाता है। मंडप और गर्भगृह में शंक्वाकार पाषाण आकृति स्थित है। मंदिर के द्धार के बाहर नदी बैल की मूर्ति स्थापित है।
Badrinath Dham(बद्रीनाथ)
भगवान विष्णु का मंदिर बद्रीनाथ अलकनंदा नदी के किनारे 3,130 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। जंगली सरस् फल (बदरी )के नाम पर इस जगह का नाम बद्री पड़ा। ऐसा कहा जाता है। की काले ग्रेनाइट से बनी विष्णु की प्रतिमा को आदि शंकराचार्य ने यहाँ स्थापित किया था। मंदिर के समीप ही गंधक के गर्म पानी का सोता है।
Heritage of Uttarakhand ( उत्तराखण्ड की चार विरासत या धरोवर )
Uttarakhand State flower (राज्य पुष्प ब्रह्म कमल )
उत्तराखण्ड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल है। इस पुष्प का उल्लेख वेदों में मिलता है। महाभारत के वन पर्व में इसे " सौगन्धिक पुष्प "कहा गया है।यह पुष्प मध्य हिमालय क्षेत्र में 3600 से 4500 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते है। ब्राह्मकमल एक ऐसटेरेसी कुल का पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम “सोसूरिया अबवेलेटा”(SAUSSUREA OBVEALLATA) है। उत्तराखण्ड में ब्राम्ह्कमल की कुल 24 प्रजातीय पायी जाती है। उत्तराखण्ड में ब्राह्मकमल को स्थानीय भाषा में "कौल पदम्" कहा जाता है। ब्राह्मकमल के पौधों की ऊँचाई 70 - 80 सेमी होती है। इसके फूल जुलाई से सितम्बर तक खिलते है। इसके पुष्प बैंगनी रंग के होते है।उत्तराखण्ड में ब्राह्मकमल को केदारनाथ स्थित भगवान शिव को अर्पित करने के बाद प्रसाद के रूप में दिया जाता है। उत्तराखण्ड के फूलों की घाटी ,केदारनाथ ,शिवलिंग बेस ,पिंडारी ग्लेशियर आदि क्षेत्रों में ब्रह्मकमल बहुतायत में पाया जाता है।
UTTARAKHAND STATE ANIMAL (राज्य वन्य पशु कस्तूरी मृग)
– उत्तराखण्ड का राजकीय पशु कस्तूरी मृग है। उत्तराखण्ड में कस्तूरी मृग वनाच्छादित हिमशिखरों में व केदारनाथ ,फूलो की घाटी ,उत्तरकाशी तथा पिथौरागढ़ जनपद में के जंगलों में पाये जाते है। उत्तराखण्ड में कस्तूरी मृग 2000 से 5000 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते है। उत्तराखण्ड के आलावा कस्तूरी मृग कश्मीर ,हिमांचल प्रदेश तथा सिक्किम आदि राज्यों में पाये जाते है। कस्तूरी मृग का वैज्ञानिक नाम "मास्कस काइसोगास्टर”(MUSCHUS CHRYSOGASTER) "है। इसे हिमालय मस्क डियर भी कहा जाता है। इसका रंग भूरा होता है। जिस पर काले पिले धब्बे पाए जाते है। इसमें कस्तूरी 3 तीन वर्ष अंतराल बाद कस्तूरी मृग प्राप्त की जाती है।
UTTRAKHAND STATE BIRD ( राज्य पक्षी मोनाल )
हिमालय के मयूर के नाम से प्रसिद्ध मोनाल उत्तराखण्ड का राजकीय पक्षी है। मोनाल का वैज्ञानिक नाम लोफ़ोफ़ोरस इम्पिजेनस(LOPHOPHOROUS IMPEJANUS) है। यह हिमालय क्षेत्र में 2300 से 5000 मीटर के ऊँचाई वाले घने जंगलों में पाया जाता है। उत्तराखण्ड ,कश्मीर तथा नेपाल में स्थानीय भाषा में मोनाल को मन्याल या मुनाल के नाम से पुकारा जाता है। मोनाल हिमांचल प्रदेश का राजकीय पक्षी है जबकि नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी मोनाल वनस्पति ,कीड़े मकोड़े ,आलू आदि मोनाल के प्रिय भोजन है।
UTTARAKHAND STATE TREE
राज्य वृक्ष बुरास – उत्तराखण्ड में बुरांस वृक्ष को राज्य का राजकीय वृक्ष घोषित किया है। इसका वैज्ञानिक नाम (RHODODENDRON ARBOREUM) रोंडोडेन्ड्रान अरबोरियम है। यह वृक्ष उत्तराखण्ड के 5000 फुट की ऊँचाई वाले जंगलो में मिलता है। बुरांस के फूल फरवरी से अप्रैल में लगते इसके फूलो का रंग चटख लाल होता है। बुरांस के वृक्षो की ऊँचाई 20 से 25 फीट होती है। बुरांस के फूल मकर सक्रांति के बाद गर्मी बढ़ने के साथ खिलते है।
UTTRAKHAND CULTERE
उत्तराखण्ड संस्कृति -
उत्तराखण्ड की संस्कृति इस प्रदेश के मौसम जलवायु के अनुरूप है। उत्तराखण्ड एक पहाड़ी प्रदेश है। यहाँ की जलवायु वह मौसम climate सामान्यता ठण्डा है।
रहन सहन –
उत्तराखण्ड पहाड़ी प्रदेश होने के कारण यहाँ ठण्ड बहुत होती है। इसलिए यहाँ लोगो के मकान पक्के होते है। मकानों की दीवारे बनाने में पत्थरों का प्रयोग करते है। पुराने घरों में पत्थर बिछाये जाते है। जिन्हें स्थानीय भाषा में वर्तमान में लोग सीमेण्ट का प्रयोग करने लगे है। व उत्तराखण्ड के अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रो में लेंटर वाले मकान बनाने लगे है। पहाड़ के लोग बहुत परिश्रमी होते है। पहाडों को काट - काट कर -सीढ़ीदार खेत बनाने का काम इनके परिश्रम को प्रदर्शित करता है।
त्यौहार - भारत के समान ही उत्तराखण्ड में पूरे वर्ष भर उत्सव मनाये जाते है। भारत के प्रमुख उत्सवों जैसे (Depawali) दीपावली , (Holi) होली, (Dashahra) दशहरा इत्यादि के अतिरिक्त यहाँ के कुछ स्थानीय त्यौहार है। (Devi Dhura) देवीधुरा मेला ,(Utryani Mela) उत्तरायणी मेला ,(Purna Giri )पूर्णागिरि मेला (Harela ) हरेला , (Magh Mela) माघ मेला ,(Gochar Mela) गौचर मेला ,(Ganag Dashara) गंगा दशहरा ,(Vaishakhi) वैशाखी ,(Nanda devi Raj Jat Mela) नंदा देवी राज जात यात्रा जो हर बारहवे वर्ष होती है।
खान पान - उत्तराखण्डी खानपान का अर्थ राज्य के दोनों मण्डलों कुमाऊँ और गढ़वाल के खानपान से है। पारंपरिक उत्तराखण्ड में खानपान बहुत पोष्टिक और बनाने में सरल होता है। यहाँ की कुछ विशिष्ट खानपान है। आलू टमाटर का झील ,पिंडालू की सब्जी ,चैंसू ,बथुए का पराठा ,झोई ,बाल मिठाई ,कपिलु ,सिंसौण का साग ,मंडुवे की रोटी गहत की दाल।
वेशभूषा - पारंपरिक रूप से उत्तराखण्ड की महिलाएं घाघरा तथा आँगड़ी तथा पुरुष चूड़ीदार पजामा व् कुरता पहनते थे। जाड़ो में ऊनी कपडों का उपयोग होता है। विवाह आदि शुभ कार्यो के अवसर पर कई क्षेत्रो में अभी भी सनिल का घाघरा पहनने की परम्परा है। गले में गलोबंद ,चरयो ,जे माला ,नाक में नाथ ,कानों में कर्णफूल ,कुंडल पहनने की परंपरा है। सर में शीषफूल ,हाथो में सोने या चाँदी के पोज़ो तथा पैरो में बिछुए ,पायजेब ,पोंटा पहने जाते है। घर परिवार के समारोहों में आभूषण पहनने की परम्परा है। विवाहित औरत की पहचान गले में चरेऊ पहनने से होती है। विवाह आदि शुभ अवसरों पर पिछोड़ा पहनने का भी चलन आम है।
MOUNTAINS PEAKS OF UTTRAKHAND FAIRS OF UTTARAKHAND
उत्तराखण्ड के प्रमुख मेले
देवीधुरा मेला | चम्पावत |
पूर्णागिरि मेला | चम्पावत |
नन्दा देवी मेला | अल्मोड़ा |
गोचर मेला | चमोली |
वैशाखी | उत्तरकाशी |
माघ मेला | उत्तरकाशी |
उत्तरायणी मेला | बागेश्वर |
विशु मेला | जोनसर बाबर |
पिरान कलियर | रुड़की |
उत्तराखण्ड के पर्वत चोटियां
नंदा देवी | 7,817 मीटर |
बद्रीनाथ | 7,138 मीटर |
संतोपंथ | 7,075 |
त्रिशूल | 7,120 मीटर |
केदारनाथ | 6,940 मीटर |
कामेट | 7,756 मीटर |
नीलकंठ | 6,596 मीटर |
PASSES OF UTTARAKHAND उत्तराखण्ड के प्रमुख दर्रे
श्रृंगकंठ | उत्तरकाशी हिमांचलप्रदेश |
थांगला | उत्तरकाशी – तिब्बत |
मुलिंगला | उत्तरकाशी - तिब्बत |
माणा (डुंगरीला) | चमोली - तिब्बत |
नीति ला | चमोली - तिब्बत |
बाराहोती | चमोली -पिथौरागढ़ |
कुंगरी विंगरी | चमोली - तिब्बत |
दारमा | पिथौरागढ़ - तिब्बत |
लिपुलेख | पिथौरागढ़ –तिब्बत |
Most Important General Knowledge Question in Hindi mostly ask in exam and helpfull upcoming exam 2017
- उत्तराखण्ड का सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला कौनसा है - देहरादून
- राज्य में कुल लोकसभा की संख्या कितनी है - 5 पाँच
- किस वर्ष केंद्र सरकार द्धारा उत्तराखण्ड को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया - 1 अप्रैल 2001
- किस वर्ष राज्य का नाम उत्तरांचल से उत्तराखण्ड रखा गया - 1 जनवरी 2007
- किस वर्ष देहरादून को मेरठ मण्डल से हटाकर गढ़वाल मण्डल में सम्मिलित कर दिया गया - 1975
- उत्तराखण्ड के किस जिले में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या सर्वाधिक है - उधमसिंह नगर
- राज्य का सर्वाधिक अनुसूचित जाति वाला जिला है - हरिद्धार
- उत्तराखण्ड का सबसे कम अनुसूचित जाति वाला जिला कौनसा है - बागेश्वर
- राज्य का सबसे अधिक अनुसूचित जनजाति वाला जिला कौन सा है - रुद्रप्रयाग
- उत्तराखण्ड में भोटिया जनजाति के लोग गाँव की चौपाल को कहते है - रांग बाग कुड़ी
- राज्य में बनरोत जनजाति के नाम से किसे जाना जाता है – राजी
- उत्तराखण्ड में कुमाऊँ परिषद् की स्थापना किस वर्ष की गयी - 1916
- वर्ष 1919 में उत्तराखण्ड से किन व्यक्तियों ने अमृतसर कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया था - बैरिस्टर मुकुन्दीलाल और अनुसूइया प्रसाद
- उत्तराखण्ड में किस वर्ष विक्टर मोहन जोशी ,बद्रीदत्त पाण्डेय चिरंजीलाल और हेमचन्द्र ने होम रूल की स्थापना की थी - वर्ष 1914
- वर्ष 1913 में उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले में किसके द्धारा शुद्ध साहित्य समिति की स्थापना की गयी - स्वामी सत्यदेव परिव्राजक
- उत्तराखण्ड में थड्या नृत्य कब किया जाता है - बसंत पंचमी
- उत्तराखण्ड uttarakhand में वर्ष 1815 में टिहरी में किसने (panvar vansh ) पंवार वंश की पुनर्स्थापना की थी - सुदर्शन शाह
- 1815 वर्ष में किस सन्धि द्धारा गढ़वाल राज्य का विभाजन हुआ था - संगोली की सन्धि
- केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की 12 वी रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड में वास्तविक रूप से कितने प्रतिशत भाग में वन है - 73 % प्रतिशत
- उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा National park राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है - गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान
- उत्तराखण्ड में "रूरी " किससे सम्बंधित है - ग्रीष्मकालीन ऋतु से
- उत्तराखण्ड में किस जिले में भारत (बीएचईएल )हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड स्थित है - हरिद्धार
- उत्तराखण्ड में किस वर्ष नैनीताल को कुमाऊ मण्डल का मुख्यालय बनाया गया था - वर्ष 1854
- उत्तराखण्ड में गोरा देवी का नाम किस आंदोलन के साथ जुड़ा हुआ है - चिपको आंदोलन
- उत्तराखण्ड में वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी कहाँ अवस्थित है - देहरादून
- कर्णप्रयाग उत्तराखण्ड में किन नदियों के संगम पर स्थित है - पिण्डर और अलकनन्दा
- उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क किस जिले में स्थित है - नैनीताल
- "काफल पाको "गीत एवं " नन्दिनी गीत "के रचियता कौन थे - चन्द्रकुंवर "बड़थ्वाल
- उत्तराखण्ड में कुमाऊ केसरी किस व्यक्ति को कहा जाता है - सुन्दर लाल बहुगुणा
- उत्तराखण्ड में चीनी मिलों की कितनी संख्या है - 8 आठ
- 2011 के अनुसार उत्तराखण्ड में बाल मृत्यु दर कितनी थी - 36
- उत्तराखण्ड में प्रथम महिला आयोग की अध्यक्ष कौन थी - डॉ.संतोष चौहान
- उत्तराखण्ड के प्रथम लोक सेवा आयोग अध्यक्ष कौन थे - एन पी नवानी
- उत्तराखण्ड में विकास प्राधिकरण की संख्या कितनी है - 6
- उत्तराखण्ड में देश की कुल जनसंख्या कितना प्रतिशत निवास करती है - 0.84 प्रतिशत
- उत्तराखण्ड में सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला कौनसा है - देहरादून
- उत्तराखण्ड का सबसे कम जनघनत्व वाला जनपद कौनसा है - उत्तरकाशी
- उत्तराखण्ड का क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का कितना प्रतिशत है - 1.69 % प्रतिशत
- उत्तराखण्ड में न्यूनतम लिंगानुपात वाला जिला कौनसा है - हरिद्धार 879
- उत्तराखण्ड में सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला कौन सा है - अल्मोड़ा 1142
- उत्तराखण्ड का न्यूनतम वृद्धि दर वाला जिला कौन सा है - अल्मोड़ा ( -1.73 प्रतिशत )
- उत्तरप्रदेश सरकार ने किस वर्ष उत्तराखण्ड पर्वतीय विकास परिषद का गठन किया - वर्ष 1968
- उत्तराखण्ड में किस व्यक्ति को काली कुमाऊँ का मुसोलिनी कहा जाता है - पंडित हर्षदेव ओली
- उत्तराखण्ड में कण्डाली उत्सव किस जनपद में मनाया जाता है - पिथौरागढ़
- उत्तराखण्ड में प्रागैतिहासिक काल में बने लखु उड्यार किस मार्ग पर अवस्थित है - अल्मोड़ा -पिथौरागढ़
- ऋषिकेश - माणा राष्ट्रीय राजमार्ग कौन सी संख्या पर स्थित है - NH -58
- उत्तराखण्ड में हेली नेशनल पार्क का नामकरण कार्बेट नेशनल पार्क के रूप में कब किया गया - वर्ष 1957
- उत्तराखण्ड में सीमान्त जनपदों का गठन किस वर्ष किया गया - वर्ष 1960
- उत्तराखण्ड में गढ़वाल मण्डल में देहरादून को किस वर्ष सम्मिलित किया गया - वर्ष 1975
- उत्तराखण्ड में मन्दाकनी नदी का उद्गमन कहा से होता है - चोराबाड़ी ग्लेशियर
- उत्तराखण्ड में टी बी सेनोटोरियम कहाँ स्थित है - भवाली
- उत्तराखण्ड में तुंगनाथ जाने के लिए पैदल मार्ग कहाँ से प्रारम्भ होता है - चोपता
- उत्तराखण्ड में द्रोण नगरी किस घाटी में स्थित है - नीति घाटी
- उत्तराखण्ड में गढ़वाल की वीरांगना तीलू रौतेली की भव्य प्रतिमा निम्न में से किस स्थान पर स्थित है - बीरोखाल (पौड़ी )