उत्तराखंड के चार धामों मे एक केदारनाथ धाम की सम्पूर्ण जानकारी
By Pooja | General knowledge | May 11, 2020

केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple)भगवान भोलेनाथ का मंदिर है। केदारनाथ का महान मंदिर उत्तराखंड के चार धामों मे आता है। यह महान मंदिर उत्तराखण्ड(Uttarakhand) राज्य के रूद्रप्रयाग जिले मे विराजित है। यह मंदिर हिमालय (Himalaya)की गोद में स्थित है। केदारनाथ(Kedarnath) का महान मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग, चार धाम और पंचकेदार में से एक है।केदारनाथ मंदिर का हिन्दू धर्म (Hindues)मे बहुत महत्व है। केदारनाथ मंदिर मे प्रतिवर्ष लाखो संख्यां मे श्रद्धालु आते है और बाबा भोले बाबा के दर्शन कर स्वयं को धन्य करते हैं।
केदारनाथ मंदिर उत्तराखण्ड(Uttarakhand) का सबसे विशाल और प्रतिष्ठित शिव मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण कटवां पत्थरों के विशाल शिलाखण्डों को आपस मे संयुक्त करके बनाया गया है और यह शिलाखण्ड रंग मे भूरी (Brown) है। केदारनाथ(Kedarnath) का यह भव्य विशाल मंदिर 3,413 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। इस महान मंदिर का निर्माण जनमेजय(Janmaijay) ने करवाया था जो कि पांडव वंश के थे। माना जाता है कि केदारनाथ मंदिर में ज्योतिर्लिंग(Jyotirling) के दर्शन करने मात्र से मनुष्य को सभी प्रकार के पापो से मुक्ति मिल जाती है।केदारनाथ का यह विशाल मंदिर भक्तो के लिए अप्रैल से नवंबर महीने(April To November) के मध्य में ही दर्शनों के लिए खुलता है।
केदारनाथ (Kedarnath)का यह भव्य विशाल मंदिर 85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चौडा है। मंदिर का निर्माण 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर किया गया है। आपस मे विशालकाय पत्थरों को इंटरलॉकिंग (Interlocking)तरीके से जोड़ा गया है। इंटरलॉकिंग तरीके से जुड़ने के कारण यह मंदिर आज भी निर्माण समय से अभी तक मजबूती के साथ खड़ा है। यह अलौकिक भव्य मंदिर तीन तरफ से पहाड़ो से घिरा हुआ है। इस स्थल पर पांच नदियाँ आकर मिलती है। पांच नदियों(Rivers) मे मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी आदि है। इन पांच नदियों मे आज भी अलकनंदा और मंदाकिनी का अस्तित्व है किन्तु कुछ नदियां विलुप्त हो गयी हैं।
केदारनाथ (Kedarnath)का भव्य आलोकिक मंदिर उत्तराखण्ड राज्य में विराजित है।यहाँ का अलौकिक वातावरण यहाँ अलौकिक शक्ति का एहसास कराता है। गौरीकुंड(Gaurikund) से सडक द्वारा केदारनाथ तक पंहुचा जा सकता है ।
केदारनाथ से सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट(Jollygrant) एयरपोर्ट है जो कि 238 किमी की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से गौरीकुंड(Gaurikund) के लिए बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध होती है। गौरीकुंड से केदारनाथ (Kedarnath)मात्र 14 किलोमीटर दूर है।
यदि आप रेलमार्ग(By Rail) द्वारा केदारनाथ जा रहे है तो केवल ऋषिकेश(Rishikesh) रेलवे स्टेशन तक ही जाया जा सकते है। इसके आगे टैक्सी लेकर गौरीकुंड (Gaurikund)तक पहुंचने का मार्ग है। ऋषिकेश से महान केदारनाथ धाम(Kedarnath) 216 किमी दूर है।
केदारनाथ के सबसे निकट स्थित गौरीकुंड(Gaurikund) क्षेत्र है। गौरीकुंड से इंटर और इंट्रा स्टेट बस सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। यह बसें चमोली, श्रीनगर, टिहरी ,पौड़ी, ऋषिकेश, देहरादून, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हरिद्वार और कई अन्य स्थानों के साथ जोड़ती हैं।
अलौकिक शिव धाम केदारनाथ(Kedarnath) मंदिर में प्रात:काल महाभिषेक, रुद्राभिषेक, लघुरुद्रभिषेक, षोडसोपचार पूजा का आयोजन किया जाता है।मंदिर मे सांय काल(In Evening) के समय सहस्रनामम पथ, महिमस्तोत्र पथ, ताण्डवस्तोत्र पथ का आयोजन होता है।
केदारनाथ मंदिर के विषय में (About Kedarnath Temple)
केदारनाथ मंदिर उत्तराखण्ड(Uttarakhand) का सबसे विशाल और प्रतिष्ठित शिव मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण कटवां पत्थरों के विशाल शिलाखण्डों को आपस मे संयुक्त करके बनाया गया है और यह शिलाखण्ड रंग मे भूरी (Brown) है। केदारनाथ(Kedarnath) का यह भव्य विशाल मंदिर 3,413 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। इस महान मंदिर का निर्माण जनमेजय(Janmaijay) ने करवाया था जो कि पांडव वंश के थे। माना जाता है कि केदारनाथ मंदिर में ज्योतिर्लिंग(Jyotirling) के दर्शन करने मात्र से मनुष्य को सभी प्रकार के पापो से मुक्ति मिल जाती है।केदारनाथ का यह विशाल मंदिर भक्तो के लिए अप्रैल से नवंबर महीने(April To November) के मध्य में ही दर्शनों के लिए खुलता है।
मंदिर की भव्यता (Grandeur of temple)
केदारनाथ (Kedarnath)का यह भव्य विशाल मंदिर 85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चौडा है। मंदिर का निर्माण 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर किया गया है। आपस मे विशालकाय पत्थरों को इंटरलॉकिंग (Interlocking)तरीके से जोड़ा गया है। इंटरलॉकिंग तरीके से जुड़ने के कारण यह मंदिर आज भी निर्माण समय से अभी तक मजबूती के साथ खड़ा है। यह अलौकिक भव्य मंदिर तीन तरफ से पहाड़ो से घिरा हुआ है। इस स्थल पर पांच नदियाँ आकर मिलती है। पांच नदियों(Rivers) मे मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी आदि है। इन पांच नदियों मे आज भी अलकनंदा और मंदाकिनी का अस्तित्व है किन्तु कुछ नदियां विलुप्त हो गयी हैं।
पहुंचने का तरीका (Way to reach)
केदारनाथ (Kedarnath)का भव्य आलोकिक मंदिर उत्तराखण्ड राज्य में विराजित है।यहाँ का अलौकिक वातावरण यहाँ अलौकिक शक्ति का एहसास कराता है। गौरीकुंड(Gaurikund) से सडक द्वारा केदारनाथ तक पंहुचा जा सकता है ।
हवाई जहाज (By Air)
केदारनाथ से सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट(Jollygrant) एयरपोर्ट है जो कि 238 किमी की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से गौरीकुंड(Gaurikund) के लिए बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध होती है। गौरीकुंड से केदारनाथ (Kedarnath)मात्र 14 किलोमीटर दूर है।
रेलवे द्वारा (By Railway)
यदि आप रेलमार्ग(By Rail) द्वारा केदारनाथ जा रहे है तो केवल ऋषिकेश(Rishikesh) रेलवे स्टेशन तक ही जाया जा सकते है। इसके आगे टैक्सी लेकर गौरीकुंड (Gaurikund)तक पहुंचने का मार्ग है। ऋषिकेश से महान केदारनाथ धाम(Kedarnath) 216 किमी दूर है।
सडक द्वारा (By Road)
केदारनाथ के सबसे निकट स्थित गौरीकुंड(Gaurikund) क्षेत्र है। गौरीकुंड से इंटर और इंट्रा स्टेट बस सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। यह बसें चमोली, श्रीनगर, टिहरी ,पौड़ी, ऋषिकेश, देहरादून, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हरिद्वार और कई अन्य स्थानों के साथ जोड़ती हैं।
केदारनाथ मंदिर की पूजा-अर्चना (Worship of Kedarnath Temple)
अलौकिक शिव धाम केदारनाथ(Kedarnath) मंदिर में प्रात:काल महाभिषेक, रुद्राभिषेक, लघुरुद्रभिषेक, षोडसोपचार पूजा का आयोजन किया जाता है।मंदिर मे सांय काल(In Evening) के समय सहस्रनामम पथ, महिमस्तोत्र पथ, ताण्डवस्तोत्र पथ का आयोजन होता है।
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