Yoga :पर्वतासन के लाभ || Benefits of Parwatasan
By Pooja | General knowledge | May 20, 2020
योग (Yoga)हमारे जीवन मे एक अलग स्थान है। योग के माध्यम से शरीर का इम्युनिटी सिस्टम(immunity system) दुरुस्त रहता है। वैसे से योग (yoga) करने के बहुत से आसन हैं लेकिन सं योगो मे सर्वाधिक महत्वपूर्ण आसन है पर्वतासन(Parvat aasana)।पर्वतासन को करने से शरीर (body) को अत्यंत लाभ प्राप्त होते हैं।
1-पर्वतासन(parvat aasana) योग को करने से शरीर को अत्यंत लाभ पहुँचता है ,इसका नित्य अभ्यास से फेफड़े(lungs )साफ और स्वस्थ होते हैं।
2-पर्वतासन के योग का नित्य अभ्यास करने से पसलियां और पीठ (back)मजबूत बनती है।
3-इस योग के नित्य अभ्यास से पेट(stomach) का मोटापा कम होता है।
4-इस योग से रीढ़ की हड्डी(backbone) मजबूत होती है।
5-नित्य इस योग (yoga)के अभ्यास से हाथ और उंगलियां मजबूत बनती हैं।
6-पर्वतासन योग का नित्य अभ्यास से पीठ और कंधों का दर्द(pain) ठीक होता है।
7-इस योग के अभ्यास से छाती (chest)विकसित होती है।
8-इस योग के निरंतर अभ्यास से प्रसव के पश्चात पेट (stomach)की त्वचा भी मुलायम होती है।
9-इस आसन (aasana) के माध्यम से चंचल मन को शांत किया जा सकता हैं।
1-पर्वतासन करने के लिए खुली(open) हवादार जगह पर जाए।
2-सर्व प्रथम जमीन पर आसन को बिछाकर पद्मासन(padmasana) की मुद्रा में बैठ जाएं।
3-आपको चौकड़ी मारते हुए पैरों को आपस में बांध लें और आराम से अपने हाथों के सहारे शरीर(body) को हवा में ऊपर उठाए ।
4-इसके पश्चात धीरे-धीरे सांस(breath) को भरे और कुछ देर तक सांस को रोक कर रखें।
5-इसके बाद आपको दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाना हैं और जब तक संभव हो सांस(breath) रोक कर रखें।
6-हाथ जब ऊपर ले जाएंगे तो दोनों हाथों की अंगुलियों(fingers) को आपस में इंटरलॉक कर दें।
7-कुछ समय बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं इसके लिए आप धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए हाथों(hands) को नीचे घुटनों तक लाएं।
8-इस आसन को करने के दौरान आपको कमर (back) को सीधा रखना है और शरीर को तानकर रखें।
9-इस आसन के दौरान आपके कंधे, हाथ और कमर एकदम सीधे होंगे। यानी मांसपेशियों में खिंचाव(stretch) बरककरार रहेगा।
कुछ देर बाद इसी प्रक्रिया (process)को दोबारा दोहराएं ।
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पर्वतासन के लाभ (Benefits of Parwatasan)
1-पर्वतासन(parvat aasana) योग को करने से शरीर को अत्यंत लाभ पहुँचता है ,इसका नित्य अभ्यास से फेफड़े(lungs )साफ और स्वस्थ होते हैं।
2-पर्वतासन के योग का नित्य अभ्यास करने से पसलियां और पीठ (back)मजबूत बनती है।
3-इस योग के नित्य अभ्यास से पेट(stomach) का मोटापा कम होता है।
4-इस योग से रीढ़ की हड्डी(backbone) मजबूत होती है।
5-नित्य इस योग (yoga)के अभ्यास से हाथ और उंगलियां मजबूत बनती हैं।
6-पर्वतासन योग का नित्य अभ्यास से पीठ और कंधों का दर्द(pain) ठीक होता है।
7-इस योग के अभ्यास से छाती (chest)विकसित होती है।
8-इस योग के निरंतर अभ्यास से प्रसव के पश्चात पेट (stomach)की त्वचा भी मुलायम होती है।
9-इस आसन (aasana) के माध्यम से चंचल मन को शांत किया जा सकता हैं।
पर्वतासन को करने का तारिका (How To do parwatasan)
1-पर्वतासन करने के लिए खुली(open) हवादार जगह पर जाए।
2-सर्व प्रथम जमीन पर आसन को बिछाकर पद्मासन(padmasana) की मुद्रा में बैठ जाएं।
3-आपको चौकड़ी मारते हुए पैरों को आपस में बांध लें और आराम से अपने हाथों के सहारे शरीर(body) को हवा में ऊपर उठाए ।
4-इसके पश्चात धीरे-धीरे सांस(breath) को भरे और कुछ देर तक सांस को रोक कर रखें।
5-इसके बाद आपको दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाना हैं और जब तक संभव हो सांस(breath) रोक कर रखें।
6-हाथ जब ऊपर ले जाएंगे तो दोनों हाथों की अंगुलियों(fingers) को आपस में इंटरलॉक कर दें।
7-कुछ समय बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं इसके लिए आप धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए हाथों(hands) को नीचे घुटनों तक लाएं।
8-इस आसन को करने के दौरान आपको कमर (back) को सीधा रखना है और शरीर को तानकर रखें।
9-इस आसन के दौरान आपके कंधे, हाथ और कमर एकदम सीधे होंगे। यानी मांसपेशियों में खिंचाव(stretch) बरककरार रहेगा।
कुछ देर बाद इसी प्रक्रिया (process)को दोबारा दोहराएं ।
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