Yoga : नटराजासन के फायदे और करने का तरीका
ऐसा मानना है कि योग(yoga) का उत्पत्ति भारत में हुई है। धार्मिक ग्रंथों में भी अनेक प्रकार के योगासनों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। एक ऐसा आसन है जिसे भगवान (Lord) भोले नाथ का नृतक रूप माना जाता है वह है नटराजासन। इस आसन (Asana)को करने के लिए शरीर को संतुलित रखना जरूरी होता है। आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से इस आसन के लाभ और करने की विधि(process) को बताएँगे।
नटराजासन (natrajasana)के नित्य अभ्यास को करने से शरीर को अत्यंत लाभ प्राप्त होते हैं जो कि निम्नांकित हैं -
नटराजासन को करते समय आपके शरीर (body) का सम्पूर्ण भार सिर्फ एक पैर पर टिका होता है। इस आसन (asana) नित्य अभ्यास करने से शरीर के संतुलन में सुधार होता है।
नटराजासन का प्रतिदिन (everyday) अभ्यास करने से वजन(weight) को कम करने मे सहायता मिलती है। यह आसन शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने का कार्य करता है जिससे वजन कम करने मे सहायता मिलती है।
शरीर को लचीला (flexible)बनाने का सबसे अच्छा तरीका योग और व्यायाम होता है। वहीं, शुरुआत में नटराजासन को करने के लिए शरीर में खिंचाव महसूस होता है, लेकिन इसके निरंतर अभ्यास से शरीर में लचीलापन उत्पन्न होने लगता है।
नटराजासन के प्रतिदिन अभ्यास से चयापचय (metaboilsm) दर में वृद्धि हो सकती है।
नटराजासन(natrajasana) को करने पर एकाग्रता मे वृद्धि होती है । यह आसन मस्तिष्क में रक्त संचार को बनाए रखने मे मदद करता है इस आसन के माध्यम से मानसिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
इस योग के नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को लाभ पहुँचता है, जिसका सकारात्मक असर पाचन क्रिया(digestion process ) पर नजर आ सकता है।
नटराजासन का असर और अधिक हो सकता है, अगर उससे पहले निम्न आसनों(asanas) को किया जाए, जो इस प्रकार हैं:
किसी भी योग को करने से पूर्व कुछ सावधानियों का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा गलत योग (yoga) करने से लाभ के स्थान (place)पर हानि भी हो सकती है।नटराजासन को करने से पूर्व कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए -
नटराजासन के फायदे – Benefits of Natarajasana
नटराजासन (natrajasana)के नित्य अभ्यास को करने से शरीर को अत्यंत लाभ प्राप्त होते हैं जो कि निम्नांकित हैं -
संतुलन में सुधार ( Improve Balance )
नटराजासन को करते समय आपके शरीर (body) का सम्पूर्ण भार सिर्फ एक पैर पर टिका होता है। इस आसन (asana) नित्य अभ्यास करने से शरीर के संतुलन में सुधार होता है।
वजन नियंत्रण ( Weight balanced )
नटराजासन का प्रतिदिन (everyday) अभ्यास करने से वजन(weight) को कम करने मे सहायता मिलती है। यह आसन शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने का कार्य करता है जिससे वजन कम करने मे सहायता मिलती है।
शरीर के लचीलेपन के लिए ( For body flexibility )
शरीर को लचीला (flexible)बनाने का सबसे अच्छा तरीका योग और व्यायाम होता है। वहीं, शुरुआत में नटराजासन को करने के लिए शरीर में खिंचाव महसूस होता है, लेकिन इसके निरंतर अभ्यास से शरीर में लचीलापन उत्पन्न होने लगता है।
चयापचय के लिए ( For metabolism )
नटराजासन के प्रतिदिन अभ्यास से चयापचय (metaboilsm) दर में वृद्धि हो सकती है।
तनाव को कम करने के लिए ( To reduce stress )
नटराजासन(natrajasana) को करने पर एकाग्रता मे वृद्धि होती है । यह आसन मस्तिष्क में रक्त संचार को बनाए रखने मे मदद करता है इस आसन के माध्यम से मानसिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
6. पाचन के लिए ( For digestion )
इस योग के नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को लाभ पहुँचता है, जिसका सकारात्मक असर पाचन क्रिया(digestion process ) पर नजर आ सकता है।
नटराजासन करने से पूर्व ये आसन करें ( Before performing Natarajasana, do these asanas ) :
नटराजासन का असर और अधिक हो सकता है, अगर उससे पहले निम्न आसनों(asanas) को किया जाए, जो इस प्रकार हैं:
- उष्ट्रासन (camel pose)
- वृक्षासन (Tree Pose)
- धनुरासन (Bow Pose)
- हनुमानासन (Monkey Pose)
- वीरभद्रासन (Warrior Pose)
नटराजासन करने का तरीका – Steps to do Natarajasana (Dancer Pose) in Hindi
- नटराजासन(natrajasana) करने के लिए सर्वप्रथम समतल जगह पर मैट को बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं।
- गहरी सांस (breath) लेते हुए, बाएं पैर को घुटने से मोड़कर पीछे की तरफ ले जाएं और बाएं हाथ से पैर के अंगूठे को पकड़ें।
- जितना हो सके बाएं पैर को ऊपर (up) उठाने की कोशिश करे ।
- इस मुद्रा में आपके पूरे शरीर( का भार आपके दूसरे पैर (दाएं पैर )पर होगा।
- अपने शरीर के ऊपरी भाग को आगे की तरफ झुका लें ।
- यह अवश्य ध्यान रहे कि आपके शरीर का संतुलन बिगड़ना नहीं चाहिए ।
- फिर दाएं हाथ को आगे की तरफ सीधा करें और हल्का खींचने का प्रयास करें।
- कुछ सेकंड तक इसी अवस्था में स्थिर रहें।
- तत्पश्चात धीरे-धीरे पूर्व स्थिति में आ जाएं।
- अब दूसरे पैर के साथ भी ऐसा करें।
- प्रारम्भ में इस आसान के 3 से 4 चक्र करें।
नटराजासन के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Natarajasana In Hindi
किसी भी योग को करने से पूर्व कुछ सावधानियों का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा गलत योग (yoga) करने से लाभ के स्थान (place)पर हानि भी हो सकती है।नटराजासन को करने से पूर्व कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए -
- इस आसन को करते वक़्त कमर में किसी भी प्रकार का दर्द (pain) महसूस होता है, तो इस आसन को न करें ।
- नटराजासन(natrajasana) को करते समय घुटनों में या कंधे में दर्द हो, तो इस आसन को न करें।
- रक्तचाप कम होने की अवस्था पर इस आसन (asana)को न करें।