Uttrakhand तीलू रौतेला अवार्ड (Teelu Rautela Award ) # 2019
By Pooja | Uttarakhand | Sep 05, 2019
तीलू रौतेली कौन थी? Who was telu Rautela ?
तीलू रौतेला को गढ़वाल की झाँसी के(Garhwal ki Jhansi) नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म पौड़ी गढ़वाल के गुराड गाऊँ मे हुआ था। इनके पिता गढ़वाल नरेश की सेना मे थे जिनका नाम भूपसिंह था। 8 अगस्त को गढ़वाल मे तीलू रौतेला की जयंती मनाई जाती है। इन्होने मात्र 15 वर्ष की आयु मे युद्धभूमि (Battlefield) मे दुश्मनो(Enemies) के छक्के छुड़ा दिए थे।
लोक कथाओं के अनुसार गढ़वाल के राजा और कत्यूरी के बीच युद्ध होता रहता था। बचपन से ही इनके घुड़सवारी (Horse Riding)करने का शौक था ये युद्धकला मे निपुड़ थी। इनके मंगेतर(Fiyonsey) की मृत्यू होने के बाद इन्होने शादी नहीं की। इनके पिता और भाई की मृत्यू भी कत्यूरीयो के साथ युद्ध करते हुए हो गयी थी। अपने मंगेतर, भाई और पिता की मृत्यू का बदला(Revenge) लेने हेतु इन्होने अकेले अपने दम पर कत्यूरियों के साथ युद्ध किया और मात्र २२ वर्ष की आयु मे वीरगति को प्राप्त हुई।
उद्देश्य Purpose :
उत्तराखंड से ऐसी महिलाएं जिन्होंने स्वरोजगार(Self Employed) के क्षेत्र में बड़ी पहल की हो, बाल अधिकार के क्षेत्र में कुछ बड़ा काम किया हो, नारी अधिकार(Women) के क्षेत्र में या अन्याय के विरोध में पीड़ित को सहारा दिया हो, उनके कार्या को संबल देने के मकसद से ही तीलू रौतेली पुरस्कार दिए जाते हैं। इस वर्ष पुरस्कार के लिए 35 आवेदन आए हैं। जिसमे 16 प्रतिभागियों का चयन किया गया। देहरादून में सर्वेचौक के पास महिला छात्रावास का निर्माण किया गया है। इसका नामकरण वीरांगना तीलू रौतेली के नाम पर किया जाएगा। आठ अगस्त को माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी इस छात्रावास का लोकार्पण करेंगे। इसी दिन इस छात्रावास के लोकार्पण समारोह में ही तीलू रौतेली पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
तीलू रौतेली अवार्ड की स्थापना (foundation) :-
विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जाने वाला राज्य स्त्री शक्ति पुरस्कार उत्तराखण्ड राज्य गढ़वाल की वीरांगना ‘‘तीलू रौतेली’’ के नाम से वर्ष 2006 में स्थापित किया गया। इस अवार्ड मे 21000 रुपए तक की धनराशि उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदत्त की जाती है।
पुरस्कार के चयनित 2019 (List of Teelu Rauteli Award Winner)
देहरादून: नीरजा गोयल, कुमारी मिताली शाह और आशा कोठारी
अल्मोड़ा: गीता देवी और गंगा बिष्ट
बागेश्वर: कुमारी विशाखा
चंपावत: सीमा देवी
पिथौरागढ़: लक्ष्मी बिष्ट और सुश्री खीमा जेठी
हरिद्वार: बेबी नाज
नैनीताल: कनक चंद, समृद्धि और मुन्नी देवी
उत्तरकाशी: शांति ठाकुर
यूएसनगर: डॉ.ज्योति गांधी और कुमारी पूजा