Hindi Grammer:Vilom Shabd in Hindi |State TET 2018
By Kamakshi Sharma | Hindi | Oct 07, 2018
विलोम - शब्द
रात - दिन
अमृत - विष
अथ - इति
अन्धकार - प्रकाश
अल्पायु -दीर्घायु
इच्छा -अनिच्छ।
उत्कर्ष - अपकर्ष
अनुराग -विराग
आदि - अंत
आगामी - गत
उत्थान - पतन
आग्रह - दुराग्रह
एकता - अनेकता
अनुज - अग्रज
आकर्षण - विकर्षण
उद्यमी - आलसी
अधिक - न्यून
आदान - प्रदान
उर्वर - ऊसर
एक - अनेक
आलस्य - स्फूर्ति
अर्थ - अनर्थ
उधार - नगद
उपस्थित - अनुपस्थित
अतिवृष्टि - अनावृष्टि
उत्कृष्ट - निकृष्ट
उत्तम - अधम
आदर्श - यथार्थ
आय - व्यय
स्वाधीन - पराधीन
आहार - निराहार
दाता - याचक
खेद - प्रसन्नता
गुप्त - प्रकट
प्रत्यक्ष - परोक्ष
घृणा - प्रेम
सजीव - निर्जीव
सुगंध - दुर्गन्ध
मौखिक - लिखित
संक्षेप - विस्तार
घात - प्रतिघात
निंदा - स्तुति
मितव्यय - अपव्यय
सरस - नीरस
सौभाग्य - दुर्भाग्य
मोक्ष - बंधन
कृतज्ञ - कृतघ्न
क्रय - विक्रय
दुर्लभ - सुलभ
निरक्षर - साक्षर
नूतन - पुरातन
बंधन - मुक्ति
ठोस - तरल
यश - अपयश
सगुण - निर्गुण
मूक - वाचाल
रुग्ण - स्वस्थ
रक्षक - भक्षक
वरदान - अभिशाप
शुष्क - आर्द्र
हर्ष - शोक
क्षणिक - शाश्वत
विधि - निषेध
विधवा - सधवा
शयन - जागरण
शीत - उष्ण
सक्रिय - निष्क्रय
सफल - असफल
सज्जन - दुर्जन
शुभ - अशुभ
संतोष - असंतोष
आतुर - शांत
आगामी - विगत
आरोह - अवरोह
आचार - अनाचार
आदत्त - प्रदत्त
आदर - अनादर
आदान - प्रदान
उचित - अनुचित
आरम्भ - अंत
आह्वान - विसर्जन
आवृत - अनावृत
आकर्ष - विकर्ष
आकर्षण - विकर्षण
आद्र - शुष्क
आच्छादित - अनाछ्दित
आहार - अनाहार
आशा - निराशा
आधुनिक - प्राचीन
आशीर्वाद - अभिशाप
आसक्त - अनाशक्त
आदर्श - यथार्थ
आगमन - गमन
आध्यात्मिक - भौतिक
आस्था - अनास्था
इच्छा - अनिच्छा
इहलोक - परलोक
ईश्वर - अनीश्वर
ईर्ष्या - प्रेम
उत्कर्ष - अपकर्ष
उषा - संध्या
उग्र - सौम्य
उदार - अनुदार
उचित - अनुचित
उपकार - अपकार
उत्थान - पतन
उधार - नगद
उन्नति - अवनति
उपयुक्त - अनुपयुक्त
उपाय - निरुपाय
एकांगी - सर्वांगीण
ओखली - मूसल
ओछा - गंभीर
ओज - ओजहीन
ओजस्विता - ओजहीनता
ओजस्वी - ओजहीन
ओट - प्रकट
ओढ़ना - बिछाना
ओतप्रोत - विलग
औगत - सुगत
औद्योगिक - अनौद्योगिक
औपचारिक - औपचारिक
औपचारिकता - अनौपचारिकता
औघर - सुघर
औंधा - सीधा
औंधाना - सीधा करना
औचक - अक्सर
औचित्य - अनुचित्य
औचक - नियमित
औरत - मर्द
औलाद - वालिद
औवल - आखिर
औहाती - विधवा
कनिष्ठ - ज्येष्ठ
कृष - स्थूल
कृष्ण - शुक्ल
गुप्त - प्रकट
ग्रामीण - शहरी
घात - प्रतिघात
छली - निश्चल
छूत - अछूत
जल - थल
जन्म - मृत्यु
जंगली - पालतू
दयालु - निर्दयी
धीर - अधीर
नख - शिख
निरक्षर - साक्षर
निंदा - प्रशंसा
पक्ष - विपक्ष
पूर्ण - अपूर्ण
परकीया - स्वकीया
बंधन - मुक्ति
भद्र - अभद्र
भाव - अभाव
मौखिक - लिखित
राग - विराग
विधवा - सधवा
शयन - जागरण
शीत - उष्ण
घात - प्रतिघात
घृणा - प्रेम
चल - अचल
जटिल - सरल
ठोस - तरल
दाता - याचक
निर्मल - मलिन
नस्वर अनश्वर
प्रभु - दास
बाढ़ - सूखा
मानव - दानव
मिलन - विछोह
मूक - वाचाल
रहित - सहित
रात्री - दिवस
लोभ - संतोष
विपन्न - संपन्न
विशुद्ध - दूषित
विरोध - समर्थन
शकुन - अपशकुन
सामिष - निरामिष
सूक्ष्म - स्थूल
हास्य - रुदन
तरुण - वृद्ध
दुर्लभ - सुलभ
पंडित - मूर्ख
पतिव्रता - कुलटा
प्रत्यक्ष - परोक्ष
भूत - भविष्य
मनुष्यता - पशुता
मिथ्या - सत्य
मोक्ष - बंधन
योगी - भोगी
सजीव - निर्जीव
अग्नि - जल
अनाथ - सनाथ
अर्पण - ग्रहण
अथ - इति
अस्त - उदय
अगम - सुगम
अपेक्षा - उपेक्षा
अकाल - सुकाल
आयात - निर्यात
असली - नकली
अज्ञ - विज्ञ
अमर - मर्त्य
अधम - उत्तम
आतुर - शांत
आगामी - विगत
आरोह - अवरोह
आचार - अनाचार
आश्रित - अनाश्रित
आदत्त - प्रदत्त
आदर - अनादर
आदान - प्रदान
उचित - अनुचित
आरंभ - अंत
आह्वान - विसर्जन
आवृत - अनावृत
आकर्ष - विकर्ष
आकर्षण - विकर्षण
आद्र - शुष्क
आच्छादित - अनाच्छादित
आहार - अनाहार
आशा - निराशा
आधुनिक - प्राचीन
आशीर्वाद - अभिशाप
आसक्त - अनाशक्त
आदर्श - यथार्थ
आगमन - गमन
आध्यात्मिक - भौतिक
आगामी - विगत
आस्था - अनास्था
इच्छा - अनिच्छा
इहलोक - परलोक
ईर्ष्या - प्रेम
उत्कर्ष - अपकर्ष
उषा - सौम्य
उदार - अनुदार
उचित - अनुचित
उपकार - अपकार
उत्थान - पतन
उधार - नगद
उन्नति - अवनति
उत्तीर्ण - अनुतीर्ण
उपयुक्त - अनुपयुक्त
उपाय - निरुपाय
उद्यमी - आलसी
ऋजु - कुटिल
ऋणी - उऋण
एकांगी - सर्वागीण
ऐश्वर्य - दारिद्य
कंकाल - शरीर
कंगला - खुशहाल
कंजूस - दानी
कंटक - पुष्प
कंठस्थ - विस्मरण
कंपन - स्थिर
कई - एक
कगार - मँझधार
कटरा - कटरी
कटुता - मधुरता
कटुक्ति - सूक्ति
कट्टर - उदार
कठिन - सरल
कठोर - कोमल
कड़वा - मीठा
कथन - चुप्पी
कथ्य - अकथ्य
कद्रदान - नाकद्र
कनिष्ठ - वरिष्ठ
कपट - निष्कपट
कपाल - पद
कड़ा - मुलायम
कड़ाह - कड़ाही
कम - ज्यादा
कमखर्च - खर्चीला
कमीना - भला
करतल - पदतल
करार - बेकरार
कपूत - सपूत
कबूलना - नकारना
कर्ज़दार - महाजन
कर्ण कटु - कर्ण प्रिय
कर्मशाला - विश्रामशाला
कर्मशील - कर्महीन
कलंक - निष्कलंक
कलकल - शांत
करीना - बेढंग
करुण - निष्ठुर
कनिष्ठ - ज्येष्ठ
कृश - स्थूल
कृष्ण - शुक्ल
गुप्त - प्रकट
ग्रामीण - शहरी
ग्राम्य - शिष्ट
गजब - सामान्य
गठित - अगठित
गठियाना - खोलना
गठीला - ढीला
गड़ना - निकलना
गड़बड़ - सही
गड्मड - सिलसिलेवार
गंधाहारक - गंधदायक
गंधीला - सुगन्धित
गंभीर - सहज
गँवई - शहरी
गँवाना - पाना
गँवार - शहरी ,होशियार
गणतंत्र - राजतंत्र
गणनीय - अगणित
गण्य - नगण्य
गत - आगत
गति - अगति
गतिमान - स्थिर
गतिरोध - निर्विरोध
ग़दर - शांति
घंटा - घंटी
घंटा - पल
घटती - बढती
घटाना - बढ़ाना
घटाव - जोड़
घटित - अघटित
घनिष्ठ - बहिरंग
घनेरा - नगण्य
घमंडी - विनयी
घमासान - सामान्य
घाटी - पर्वत
घायल - दुरुस्त
घात - प्रतिघात
घमंड - विनय
घोषित - अघोषित
यश - अपयश
योगी - भोगी
रचना - विनाश
रत - विरत
राजतंत्र - प्रजातंत्र
रिक्त - पूर्ण
रंगीन - रंगहीन
लोभी - संतोषी
लेन - देन
लौह - स्वर्ण
वन - मरू
विधि - निषेध
विरह - मिलन
विशालकाय - लघुकाय
विश्वास - संदेह
शकुन - अपशकुन
शयन - जागरण
शासक - शासित
शुचि - अशुचि
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