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Yoga : नावासन के फायदे , तरीका और सावधानियां

By Pooja | Yoga | Jun 07, 2020
आज हम आपको योग के नावासन(Navasan) के बारे में बताएंगे। नावासन योग का एक प्रसिद्ध आसन है। इसे नौकासन भी कहा जाता है। नावासन की आखरी स्थिति में एक व्यक्ति (person) एक नाव के समान दिखता है , इसलिए इसे नावासन कहते है। नावासन करने से शरीर के अनेक प्रकार के रोग (disease)भाग जाते है। इसके अनेक फायदे भी है।

नावासन के फायदे (Benefits of Navasan / Naukasan)



  • नावासन करने से रीढ़ की हड्डी(Spine) मजबूत होती है।

  • नावासन करने से तनाव (Tension)कम होता है।

  • नावासन करने से पाचन तंत्र(Digestive System) मजबूत होता है।

  • नावासन करने से इच्छाशक्ति(Willpower) नियंत्रित होती है।

  • नावासन करने से जांघ की मांसपेशियां(Muscles) मजबूत होती हैं।

  • नावासन करने से हार्मोनल सिस्टम(Harmonal System) बैलेंस होता है।


नावासन करने का तरीका (How to do Naukasan)



  • सर्वप्रथम इस आसान को करने के लिए एक योगा मेट(Yoga Mat) को बिछा ले।

  • अपने दोनों पैरों को अपने सामने सीधा कर के बैठ जाएं या दंडासन(Dandasan) में बैठे।

  • अपनी रीढ़(Spine) को सीधा रखे और दोनों हाथो को जमीन पर सीधा रखे।

  • अपने दोनों पैरो को एक साथ सीधा(Straight) रखते हुए ऊपर उठाए।

  • यदि आपको संतुलन(Balance) बनाने मे कठिनाई लग रही हो तो दोनों पैरो को घुटनो के पास से भी मोड़ सकते हैं।

  • अपने दोनों हाथों से जांघों से पकड़े और पैरों (Legs)को सहारा प्रदान करें।

  • अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर सीधे (Straight)करते जाएं।

  • अपने दोनों हाथों को अब जमीन के सामानांतर (Parallel)अपने आगे की ओर सीधा रखें।

  • इस अवस्था तक पहुंचने पर आपके कूल्हे(Hips) जमीन पर रहेंगे और पूरा शरीर ऊपर उठा रहेगा।

  • इस स्थिति में आपके पैरो और शरीर (body) के ऊपरी हिस्से के बीच कमर पर 45 डिग्री का कोण बनेगा।

  • इस अवस्था की शुरुआत में 10 से 20 सेकंड तक रुकें फिर अभ्यास के साथ इस समय(time) को बढ़ाते जाएं।

  • अब अपनी प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए अपने अपने पैरों(legs) को नीचे लाएं और साथ में हाथों को भी नीचे(down) लें जाए ।



नावासन करने में सावधानियां (Precautions)



  • ह्रदय (heart)से सम्बंधित कोई समस्या होने पर यह आसन कदापि न करें ।

  • गर्भवती महिलाएं (pregnant woman) इस आसन को बिल्कुल भी ना करें।

  • मधुमेह रोगियों (Diabetic patients) के लिए यह आसन बिल्कुल उचित नहीं है।

  • दमा के रोगी(patients) यह आसन न करें।

  • दस्त, सिर दर्द, अनिद्रा, कम रक्तचाप आदि की समस्या होने पर इस आसन(asana) को ना करें।

  • कूल्हों में दर्द(pain) होने पर आप इसे ना करें।

  • घुटने में दर्द, गर्दन में दर्द, कन्धों में दर्द हैं तो नावासन (navasana)न करें।

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